Ipc धारा ५०९ : शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ५०९ :
शब्द, अंग विक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं :
(See section 79 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहना या कोई अंगविक्षेप करना, आदि ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए सादा कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह स्त्री जिसका अनादर करना आशयित था या जिसकी एकांतता का अतिक्रमण किया गया था ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि ऐसी स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंग विक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा ऐसी स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा, १.(वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दंडनीय होगा) ।
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१. २०१३ के अधिनियम सं० १३ की धारा १० द्वारा वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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