भारतीय दण्ड संहिता १८६०
अध्याय २२ :
आपराधिक अभित्रास(धमकी), अपमान और क्षोभ के विषय में :
धारा ५०३ :
आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) :
(See section 351(1) of BNS 2023)
जो कोई किसी अन्य व्यक्ती के शरीर, ख्याति या सम्पत्ति को, या किसी ऐसे व्यक्ती के शरीर या ख्याति को, जिससे कि वह व्यक्ती हितबद्ध हो कोई क्षति करने की धमकी उस अन्य व्यक्ती को इस आशय से देता है कि उसे संत्रास कारित किया जाए, या उससे ऐसे धमकी के निष्पादन का परिवर्जन करने के साधन स्वरुप कोई ऐसा कार्य कराया जाए, जिसे करने के लिए वैध रुप से आबद्ध न हो, या किसी ऐसे कार्य को करने का लोप कराया जाए, जिसे करने के लिए वह वैध रुप से हकदार हो, वह आपराधिक अभित्रास (धमकी / डराना) करता है ।
स्पष्टीकरण :
किसी ऐसे मृत व्यक्ती की ख्याति को क्षति करने की धमकी जिससे वह व्यक्ती, जिसे धमकी दी गई है, हितबद्ध हो इस धारा के अन्तर्गत आता है ।
दृष्टांत :
सिविल वाद चलाने से उपरत रहने के लिए (ख) को उत्प्रेरित करने के प्रयोजन से (ख) के घर को जलाने की धमकी (क) देता है । (क) आपराधिक अभित्रास का दोषी है ।