भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४८७ :
जिसमें माल रखा है, ऐसे किसी पात्र के ऊपर मिथ्या चिन्ह बनाना :
(See section 350 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी पैकेज या पात्र पर, जिसमें माल रखा हुआ हो, इस आशय से मिथ्या चिन्ह कपटपूर्वक बनाना कि यह विश्वास कारित हो जाए कि उसमें ऐसा माल है जो उसमें नहीं है, आदि ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी पेटी, पैकेज या अन्य पात्र के उपर, जिसमें माल रखा हुआ हो, ऐसी रिति से कोई ऐसा मिथ्या चिन्ह बनाएगा, जो इसलिए युक्तियुक्त रुप से प्रकल्पित है कि उससे किसी लोक सेवक को या अन्य किसी व्यक्ती को यह विश्वास कारित हो जाए कि ऐसे पात्र में ऐसा माल है, जो उसमें नही है, या यह कि उसमें ऐसा माल नहीं है जो उसमें है, या यह कि ऐसे पात्र में रखा हुआ माल ऐसी प्रकृति या क्वालिटी (गणवत्ता) का है, जो उसकी वास्तविक प्रकृति या क्वालिटी से भिन्न है, जब तक कि वह यह साबित न कर दे कि उसने वह कार्य कपट करने के आशय के बिना किया है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।