Ipc धारा ४८२ : मिथ्या संपत्ति चिन्ह का (प्रयोग किऐ जाने या) उपयोग करने के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४८२ :
मिथ्या संपत्ति चिन्ह का (प्रयोग किऐ जाने या) उपयोग करने के लिए दण्ड :
(See section 345(3) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : मिथ्या सम्पत्ति चिन्ह का इस आशय से उपयोग करना कि किसी व्यक्ति को प्रवंचित करे या क्षति करे ।
दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिसे ऐसे उपयोग से हानि या क्षति कारित हुई है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई १.(***) किसी मिथ्या संपत्ति चिन्ह का उपयोग करेगा, जब तक कि वह साबित न कर दे कि उसने कपट करने के आशय के बिना कार्य किया है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५८ के अधिनियम सं० ४३ की धारा १३५ और अनुसूची द्वारा किसी मिथ्या व्यापार चिन्ह या शब्दों का लोप किया गया ।

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