भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४६९ :
ख्याति को अपहानि पहुंचाने के आशय से कूटरचना :
(See section 336(4) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति की ख्याति को अपहानि पहुंचाने के प्रयोजन से या यह संभाव्य जानते हुए कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाएगा, की गई कूटरचना ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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१.(जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि वह दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख) जिसकी कूट रचना की जाती है, किसी पक्षकार की ख्याति की अपहानि करेगी, या यह संभाव्य जानते हुए करेगा कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. २००० के अधिनियम सं० २१ की धारा ९१ और पहली अनुसूची द्वारा दस्तावेज के स्थान पर प्रतिस्थापित ।