भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४५६ :
रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) या गृह भेदन के लिए दण्ड :
(See section 331(2) and (4) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या रात्रौ गुह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।