भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४५२ :
उपहति, हमला या सदोष अवरोध की तैयारी के पश्चात गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) :
(See section 333 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उपहति कारित करने, हमला करने, आदि की तैयारी के पश्चात् गृह-अतिचार ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती को उपहति कारित करने की, या किसी व्यक्ती पर हमला करने की, या किसी व्यक्ती को सदोष अवरोध करने की अथवा किसी व्यक्ती को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध के भय में डालने की तैयारी करके, गृह अतिचार करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।