भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४४४ :
रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार(अनधिकार प्रवेश) :
(See section 331 of BNS 2023)
जो कोई सुर्यास्त के पश्चात् और सुर्योदय से पूर्व प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार करता है, वह रात्रौ प्रच्छन्न (गुप्त) अतिचार करता है, यह कहा जाता है ।