भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४४२ :
गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) :
(See section 330 of BNS 2023)
जो कोई किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव निवास के रुप में उपयोग में अता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना स्थान के रुप में, या किसी संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रुप में उपयोग में आता है, प्रवेश करके या उसमें बना रहकर, आपराधिक अतिचार करता है, वह गृह अतिचार करता है, यह कहा जाता है ।
स्पष्टीकरण :
आपराधिक अतिचार करने वाले व्यक्ती के शरीर के किसी भाग का प्रवेश गृह अतिचार गठित करने के लिए पर्याप्त प्रवेश है ।