भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४४० :
मृत्यु या उपहति कारित करने की तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि :
(See section 324(6) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : मृत्यु या उपहति कारित करने, आदि के लिए की गई तैयारी के पश्चात् की गई रिष्टि ।
दण्ड :पाँच वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती को मृत्यु या उसे उपहति या उसका सदोष अवरोध कारित करने की, अथवा मृत्यु का, या उपहति का, या सदोष अवरोध का भय कारित करने की, तैयारी करके रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।