Ipc धारा ४२९ : किसी मूल्य के ढोर, आदि की या पचास रुपऐ के मूल्य के किसी जीवजन्त (पशु) को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४२९ :
किसी मूल्य के ढोर, आदि की या पचास रुपऐ के मूल्य के किसी जीवजन्त (पशु) को वध करने या उसे विकलांग करने द्वारा रिष्टि :
(See section 325 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी मूल्य के हाथी, ऊंट, घोडे, आदि को अथवा पचास रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी भी अन्य जीव-जन्तु को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि ।
दण्ड :पाँच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : ढोर या जीवजन्तु का स्वामी ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी हाथी, ऊंट, घोडे, खच्चर, भैंस, सांड, गाय या बैल को, चाहे उसका कुछ भी मूल्य हो, या पचास रुपए या उससे अधिक मूल्य के किसी भी अन्य जीवजन्तु को वध करने, विष देने, विकलांग करने या निरुपयोगी बनाने द्वारा रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक की हो सेकगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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