Ipc धारा ४२७ : रिष्टि जिससे पचास रुपये का नुकसान होता है :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४२७ :
रिष्टि जिससे पचास रुपये का नुकसान होता है :
(See section 324(4) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रिष्टि और तद्द्वारा पचास रुपए या उससे अधिक रकम का नुकसान कारित करना ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिसे हानि या नुकसान हुआ है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोइ रिष्टि करेगा और तद्द्वारा पचास रुपये या उससे अधिक रिष्टि की हानि या नुकसान कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनो से, दण्डित किया जाएगा ।

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