भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४१२ :
डकैती करने में चुराई गई ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना :
(See section 317(3) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : चुराई हुई सम्पत्ति को यह जानते हुए कि वह डकैती द्वारा प्राप्त की गई है, अभिप्राप्त करना ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई ऐसी चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करेगा या रखेगा, जिसके कब्जे के विषय में वह यह जानता है या यह विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डकैती द्वारा अन्तरित की गई है, अथवा किसी ऐसे व्यक्ती से, जिसके संबंध में वह यह जानता है या यह विश्वास करने का कारण रखता है कि वह डाकुओं की टोली का है या रहा है, ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह यह जानता है या यह विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई है, बेईमानी से प्राप्त करेगा, वह १.(आजीवन कारावास) से, या कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।