भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३९२ :
लूट के लिए दण्ड :
(See section 309 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लूट ।
दण्ड :दस वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ( राज्य संशोधन, मध्य प्रदेश : सेशन न्यायालय ) ।
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अपराध : यदि राजमार्ग पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की जाती है ।
दण्ड :चौदह वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ( राज्य संशोधन, मध्य प्रदेश : सेशन न्यायालय ) ।
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जो कोई लूट करेगा, वह कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा, और यदि लूट राजमार्ग पर सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच की जाए तो कारावास चौदह वर्ष तक का हो सकेगा ।
राज्य संशोधन :
मध्यप्रदेश : धारा ३९२ के अधीन अपराध सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है ।