Ipc धारा ३७६ ङ : पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों के लिए दण्ड :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३७६ ङ :
१.(पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों के लिए दण्ड :
(See section 71 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : पुनरावृत्तिकर्ता अपराधी.
दण्ड : आजीवन कारावास, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई, धारा ३७६ या धारा ३७६ क या २.( धारा ३७६ कख, धारा ३७६ घ, धारा ३७६ घक, धारा ३७६ घख) के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के लिए पूर्व में दण्डित किया गया है और तत्पश्चात् उक्त धाराओं में से किसी के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के लिए सिद्धदोेष ठहराया जाता है, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड से दण्डित किया जाएगा ।
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१. दण्ड विधि (संशोधन) अधिनियम, २०१३ (क्र. १३ सन् २०१३), धारा ९ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. दंड विधि (संशोधन) अधिनियम, २०१८ (क्र. २२ सन २०१८) की धारा ७ द्वारा प्रतिस्थापित.(भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग-२, खंड १, दिनांक ११-८-२०१८) पर अंग्रेजी में प्रकाशित ।

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