भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३७६ ख :
१.(पती द्वारा अपनी पत्नी के साथ पृथक्करण के दौरान मैथुन :
(See section 67 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ पृथक्ककरण के दौरान मैथुन ।
दण्ड :कम से कम दो वर्ष के लिए कारावास, किन्तु जो सात वर्ष तक का हो सकेगा, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ( किन्तु केवल पीडिता द्वारा परिवाद करने पर ) ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई, अपनी पत्नी के साथ, जो पृथकरण की डिक्री के अधीन या अन्यथा, पृथक् रह रही है, उसकी सम्मति के बिना मैथुन करेगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में मैथुन से धारा ३७५ के खंड (क) से खंड (घ) में वर्णित कोई कृत्य अभिप्रेत है ।)
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१. २०१३ के अधिनियम सं० १३ की धारा ९ द्वारा धारा ३७५, धारा ३७६, धारा ३७६क, धारा ३७६ख, धारा ३७६घ और धारा ३७६घ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।