भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३६५ :
किसी व्यक्ती का गुप्त रिति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) :
(See section 140(3) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ( राज्य संशोधन, मध्यप्रदेश : सेशन न्यायालय ) ।
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जो कोई इस आशय से किसी व्यक्ती का व्यपहरण या अपहरण करेगा कि उसका गुप्त रीति से और सदोष परिरोध किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन :
मध्यप्रदेश : धारा ३६५ के अधीन अपराध सत्र न्यायालय में विचारणीय है ।