Ipc धारा ३६४ : हत्या करने के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३६४ :
हत्या करने के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) :
(See section 140 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड :आजीवन कारावास दस या वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
——–
जो कोई किसी व्यक्ती का इसलिए व्यपहरण या अपहरण करेगा कि ऐसे व्यक्ती की हत्या की जाए या उसको ऐसे व्ययनित किया जाए कि वह अपनी हत्या होने के खतरे में पड जाए, वह १.(आजीवन कारावास) से या कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा , जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
दृष्टांत :
क) (क) इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए कि किसी देव मूर्ति पर (य) की बलि चढाई जाए २.(भारत) में से (य) का व्यपहरण करता है । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
ख) (ख) को उसके गृह से (क) इसलिए बलपूर्वक या बहकाकर ले जाता है कि (ख) की हत्या की जाए । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
——-
१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमश: भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश १९४८, विधि अनुकूलन आदेश १९५० और १९५१ के अधिनियम सं० ३ की धारा ३ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए है ।

Leave a Reply