Ipc धारा ३२८ : अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा उपहति कारित करना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३२८ :
अपराध करने के आशय से विष इत्यादि द्वारा उपहति कारित करना :
(See section 123 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उपहति कारित करने के आशय से जडिमाकारी ओषधि देना, आदि ।
दण्ड :दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई इस आशय से कि किसी व्यक्ती को उपहति कारित की जाए या अपराध करने के, या किए जाने को सुकर बनाने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उपहति कारित करेगा, कोई विष या जडिमाकारी, नशा करने वाली या अस्वास्थ्यकर औषधि या अन्य चीज उस व्यक्ती को देगा या उसके द्वारा लिया जाना कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।

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