भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३२१ :
स्वेच्छया उपहति कारित करना :
(See section 115(1) of BNS 2023)
जो कोई किसी कार्य को इस आशय से करता है कि तद्द्वारा किसी व्यक्ती को उपहति कारित करे या इस ज्ञान के साथ करता है कि यह संभाव्य है कि तद्द्वारा किसी व्यक्ती को उपहति कारित करे और तद्द्वारा किसी व्यक्ती को उपहति कारित करता है, वह स्वेच्छया उपहति कारित करता है , यह कहा जाता है ।