भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३१४ :
गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यो द्वारा कारित मृत्यु :
(See section 90 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्य द्वारा कारित मृत्यु ।
दण्ड :दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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अपराध : यदि वह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाता है ।
दण्ड :आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई गर्भवती स्त्री का गर्भपात कारित करने के आशय से कोई कार्य करेगा, जिससे उस गर्भवती स्त्री की मृत्यु कारित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
यदि वह कार्य स्त्री के सम्मति के बिना किया जाए :
और यदि वह कार्य उस स्त्री के सम्मति के बिना किया जाए, तो वह १.(आजीवन कारावास) से, या उपर बताए हुए दण्ड से, दण्डनीय होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस अपराध के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराध जानता हो कि उस कार्य से मृत्यु कारित करना संभाव्य है ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।