भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २८५ :
अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में उपेक्षापूर्ण (लापरवाही) आचरण :
(See section 287 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ से ऐसे बरतना जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए, आदि ।
दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ से कोई कार्य ऐसे उतावलेपन से या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटमय हो जाए, या जिससे किसी अन्य व्यक्ती को उपहति या क्षति (नुकसान) कारित होना संभाव्य हो;
अथवा अपने कब्जे में की अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ की ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसी अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ से मानव जीवन को किसी अधिसंभाव्य संकट से बजाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए, उपेक्षा पूर्वक लोप करेगा;
वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या एक हजार रुपये तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।