भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २५८ :
कूटकृत सरकारी स्टाम्प का विक्रय :
(See section 179 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कूटकृत सरकारी स्टाम्प का विक्रय ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी स्टाम्प को यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा कि वह सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित किसी स्टाम्प (मुद्रांकित पत्र) की कूटकृति है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।