Ipc धारा २३६ : भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २३६ :
भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण :
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारत से बाहर सिक्के के कूटकरण का भारत में दुष्प्रेरण ।
दण्ड :वही दण्ड जो भारत में ऐसे सिक्के के कूटकरण के दुष्प्रेरण के लिए उपबंधित है ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
——-
जो कोई १.(भारत) में होते हुए १.(भारत) से बाहर सिक्के के कूटकरण का दुष्प्रेरण करेगा, वह ऐसे दण्डित किया जाएगा, जैसे मानो उसने ऐसे सिक्के के कूटकरण का दुष्प्रेरण १.(भारत) में किया हो ।
——–
१. ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमश: भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश १९४८, विधि अनुकूलन आदेश १९५० और १९५१ के अधिनियम सं० ३ को धारा ३ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए है ।

Leave a Reply