Ipc धारा २३३ : सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २३३ :
सिक्के के कूटकरण के लिए उपकरण बनाना या बेचना :
(See section 181 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : सिक्के के कूटकरण के प्रयोजन के लिए उपकरण बनाना, खरीदना या बेचना ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
——-
जो कोई किसी उपकरण को सिक्के के कूटकरण के लिए उपयोग में लाए जाने के प्रयोजन, से या यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह सिक्के के कूटकरण में उपयोग में लाए जाने के लिए आशयित है, बनाएगा या सुधारेगा या बनाने या सुधारने की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा, अथवा खरीदेगा, बेचेगा या व्ययनित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।

Leave a Reply