भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २१० :
ऐसी राशि के लिए जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री (न्यायपत्र) अभिप्राप्त करना :
(See section 247 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसी राशि के लिए, जो शोध्य नहीं है कपटपूर्वक डिक्री अभिप्राप्त करना या डिक्री को तुष्ट कर दिए जाने के पश्चात निष्पादित करवाना ।
दण्ड :दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ति के विरुद्ध ऐसी राशि के लिए, जो शोध्य न हो, या जो शोध्य राशि से अधिक हो, या किसी सम्पत्ति या सम्पत्ति में के हित के लिए, जिसका वह हकदार न हो, डिक्री (न्यायपत्र) या आदेश कपटपूर्वक अभिप्राप्त करेगा या किसी डिक्री (न्यायपत्र) या आदेश कोे, उसके तुष्ट कर दिए जाने के पश्चात् या ऐसी बात के लिए, जिसके विषय में उस डिक्री या आदेश की तुष्टि कर दी गई हो, किसी व्यक्ति के विरुद्ध कपटपूर्वक या बेईमानी से निष्पादित करवाएगा या अपने नाम में कपटपूर्वक या बेइमानी से कोई कार्य किया जाना सहन करेगा या किए जाने की अनुज्ञा देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी , या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।