Ipc धारा २०२ : अपराध की इत्तिला देने के लिए आबद्ध (बधा हुआ) व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का साशय लोप (त्रुटी) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २०२ :
अपराध की इत्तिला देने के लिए आबद्ध (बधा हुआ) व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का साशय लोप (त्रुटी) :
(See section 239 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : इत्तिला देने के लिए वैध रुप से आबद्ध व्यक्ति द्वारा अपराध की इत्तिला देने का साशय लोप ।
दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :वह कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई यह जानते हुए या यह विश्वास रखने का कारण रखते हुए कि कोई अपराध किया गया है, उस अपराध के बारे में कोई इत्तिला जिसे देने के लिए वह वैध रुप से आबद्ध (बंधा हुआ) हो, देने का साशय लोप (त्रुटी) करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

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