Ipc धारा १९८ : प्रमाण पत्र को जिसका मिथ्या होना ज्ञात है पर सच्चे के रुप में काम सें लाना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १९८ :
प्रमाण पत्र को जिसका मिथ्या होना ज्ञात है पर सच्चे के रुप में काम सें लाना :
(See section 235 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : प्रमाणपत्र को जिसका तात्विक बात के संबंध में मिथ्या होना ज्ञात है, सच्चे प्रमाणपत्र के रुप में काम में लाना ।
दण्ड :वही जो मिथ्या साक्ष्य देने या गढने के लिए है ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :वह न्यायालय जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष देने का अपराध विचारणीय है ।
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जो कोई किसी ऐसे प्रमाण पत्र को यह जानते हुए की वह किसी तात्विक बात के संबंध में मिथ्या है, उसे सच्चे प्रमाण पत्र के रुप में भ्रष्टतापूर्वक उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, वह वैसेही दण्डित किया जाएगा, जैसे मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो ।

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