भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १७४ क :
१.((दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३) १९७४ के अधिनियम २ की धारा ८२ के अधीन किसी उद्घोषणा के उत्तर में गैर हाजिरी :
(See section 209 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ की धारा ८२ की उपधारा (१) के अधीन प्रकाशित उद्घोषणा की अपेक्षानुसार विनिर्दिष्ट स्थान और विनिर्दिष्ट समय पर हाजिर होने में असफलता ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : किसी ऐसे मामले में जहां किसी व्यक्ति को, उद्घोषित अपराधी के रुप में घोषित करते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ की धारा ८२ की उपधारा (४) के अधीन घोषणा की गई है ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा ८२ की उपधारा (१) के अधीन प्रकाशित किसी उद्घोषणा की अपेक्षानुसार विनिर्दिष्ट (वर्णित) समय पर हाजिर होने में असफल रहता है, तो वह कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा,
और जहाँ उस धारा की उपधारा (४) के अधीन कोई ऐसी घोषणा की गई है जिसमें उसे उद्घोषित अपराधी के रुप में घोषित किया गया है, वहा वह कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने का भी दायी होगा ।)
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१. २००५ के अधिनियम सं० २५ की धारा ४४ (ख) द्वारा अन्त:स्थापित ।