भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा १३३ :
हमले का दुष्प्रेरण, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ ऑफिसर(अधिकारी) पर जबकि वह ऑफिसर अपने पद पर निष्पादन (पालन) में हो :
(See section 161 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ आफिसर पर जब वह आफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण ।
दण्ड :तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट
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जो कोई १.(भारत सरकार) की सेना, २.(नौसेना या वायुसैना) के किसी ऑफिसर, सैनिक, ३.(नौसैनिक या वायुसैनिक) द्वारा किसी वरिष्ठ ऑफिसर(अधिकारी) पर, जबकि वह ऑफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधी तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा क्वीन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९२७ के अधिनियम सं० १० की धारा २ और अनुसूची १ द्वारा या नौसेना के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. १९२७ के अधिनियम सं० १० की धारा २ और अनुसूची १ द्वारा या नौसैनिक के स्थान पर प्रतिस्थापित ।