भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ११४ :
अपराध किए जाते समय दुष्प्रेरक की उपस्थिति :
(See section 54 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि दुष्प्रेरक अपराध किए जाते समय उपस्थित है ।
दण्ड : वही दण्ड जो किए गए अपराध के लिए है ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : इसके अनुसार कि दुष्प्रेरित अपराध संज्ञेय है या असंज्ञेय है ।
जमानतीय या अजमानतीय : इसके अनुसार कि दुष्प्रेरित अपराध जमानतीय है या अजमानतीय है ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : उस न्यायालय द्वारा दुष्प्रेरित अपराध विचारणीय है ।
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जब कभी कोई व्यक्ती, जो अनुपस्थित हो पर दुष्प्रेरक के नाते दण्डनीय होता, उस समय उपस्थित हो जब वह कार्य या अपराध किया जाए, जिसके लिए वह दुष्प्रेरण के परिणामस्वरुप दण्डनीय होता, तब यह समझा जाएगा कि उसने ऐसा कार्य या अपराध किया है ।