Ipc धारा २८२ : असुरक्षित या अति लदे हुए जलयान में भाडे के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ती का प्रवहण (संवहन) :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २८२ :
असुरक्षित या अति लदे हुए जलयान में भाडे के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ती का प्रवहण (संवहन) :
(See section 284 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : जल द्वारा किसी व्यक्ति का भाडे पर प्रवहण जब वह जलयान ऐसी दशा में हो या इतना लदा हुआ हो कि उससे उस व्यक्ति का जीवन संकटापन्न हो जाए ।
दण्ड :छह मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
——–
जो कोई किसी व्यक्ती को किसी जलयान में जलमार्ग से, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक भाडे पर प्रवहण करेगा या प्रवहण कराएगा जब वह जलयान ऐसी दशा में या इतना लदा हुआ हो जिससे उस व्यक्ती का जीवन संकटमय हो सकता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।

Leave a Reply