भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २१९ :
लोक सेवक द्वारा न्यायिक कार्यवाही में विधि के प्रतिकूल रिपोर्ट आदि का भ्रष्टतापूर्वक किया जाना :
(See section 257 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : न्यायिक कार्यवाही में लोक सेवक द्वारा ऐसा आदेश, रिपोट, अधिमत या विनिश्चय भ्रष्टतापूर्वक दिया जाना और सुनाया जाना जिसका विधि के प्रतिकूल होना वह जानता है ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास या जर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
——–
जो कोई लोक सेवक होते हुए, न्यायिक कार्यवाही के किसी प्रक्रम (अवस्था) में कोई रिपोर्ट, आदेश, अधिम या विनिश्चय जिसका विधि के प्रतिकूल होना वह जानता हो, भ्रष्टतापूर्वक या विद्वेषपूर्वक देगा, या सुनाएगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।