बालक श्रम अधिनियम १९८६
धारा १९ :
नियमों और अधिसूचनाओं का संसद् या राज्य विधान-मंडल के समक्ष रखा जाना :
१) इस अधिनियम के अधीन केन्द्र सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम और धारा ४ के अधीन निकाली गई प्रत्येक अधिसूचना बनाए या निकाले जाने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखी जाएगी । यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी । यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम या अधिसूचना में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाए तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रुप में ही प्रभावी होगी । यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए या वह अधिसूचना नहंीं निकाली जानी चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगी । किन्तु नियम या अधिसूचना के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा ।
२) इस अधिनियम के अधीन किसी राज्य सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, उस राज्य के विधान-मंडल के समक्ष रखा जाएगा ।