Constitution अनुच्छेद २६४ : निर्वचन ।

भारत का संविधान भाग १२ : वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद : अध्याय १ : वित्त : साधारण : अनुच्छेद २६४ : १(निर्वचन । (इस भाग में वित्त आयोग से अनुच्छेद २८० के अधीन गठित वित्त आयोग अभिप्रेत है । ) ------- १.संविधान (सातवां संशोधन)…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २६४ : निर्वचन ।

Constitution अनुच्छेद २६३ : अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध ।

भारत का संविधान राज्यों के बीच समन्वय : अनुच्छेद २६३ : अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध । यदि किसी समय राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि ऐसी परिषद् की स्थापना से लोक हित की सिध्दि होगी जिसे - क) राज्यों के बीच जो…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २६३ : अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध ।

Constitution अनुच्छेद २६२ : अंतरराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायानिर्णयन ।

भारत का संविधान जल संबंधी विवाद : अनुच्छेद २६२ : अंतरराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायानिर्णयन । १)संसद्, विधि द्वारा , किसी अंतरराज्यिक नदी या नदी-दून के या उसमें जल के प्रयोग, वितरण या नियंत्रण के संबंध में किसी विवाद या…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २६२ : अंतरराज्यिक नदियों या नदी-दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायानिर्णयन ।

Constitution अनुच्छेद २६१ : सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २६१ : सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां । १)भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र, संघ के और प्रत्येक राज्य के सार्वजनिक कार्यों, अभिलेखों और न्यायिक कार्यवाहियों को पूरा विश्वास और पूरी मान्यता दी जाएगी । २)खंड (१) में निर्दिष्ट कार्यों, अभिलेखों…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २६१ : सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियां ।

Constitution अनुच्छेद २६० : भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २६० : भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता । भारत सरकार किसी ऐसे राज्यक्षेत्र की सरकार से, जो भारत के राज्यक्षेत्र का भाग नहीं है, करार ऐसे राज्यक्षेत्र की सरकार में निहित किन्हीं कार्यपालक, विधायी या…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २६० : भारत के बाहर के राज्यक्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता ।

Constitution अनुच्छेद २५८क : संघ को कृत्य साँपने की राज्यों की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५८क : १(संघ को कृत्य साँपने की राज्यों की शक्ति । इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य का राज्यपाल, भारत सरकार की सहमति से उस सरकार को या उसके अधिकारियों को ऐसे किसी विषय से संबंधित…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५८क : संघ को कृत्य साँपने की राज्यों की शक्ति ।

Constitution अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति । १) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति , किसी राज्य की सरकार की सहमति से उस सरकार को या उसके अधिकारियों…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति ।

Constitution अनुच्छेद २५७ : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५७ : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण । १) प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई अडचन न हो या उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५७ : कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण ।

Constitution अनुच्छेद २५६ : राज्यों की और संघ की बाध्यता ।

भारत का संविधान अध्याय २ : प्रशासनिक संबंध : साधारण : अनुच्छेद २५६ : राज्यों की और संघ की बाध्यता । प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार प्रयोग किया जाएगा जिससे संसद् द्वारा गई विधियों का और ऐसी विद्यमान विधियों का, जो उस…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५६ : राज्यों की और संघ की बाध्यता ।

Constitution अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना । यदि संसद् के या १(***) किसी राज्य के विधान मंडळ के किसी अधिनियम को - क)जहां राज्यपाल की सिफारिश अपेक्षित थी वहां राज्यपाल या…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना ।

Constitution अनुच्छेद २५४ : संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में अंसगति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५४ : संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में अंसगति । १) यदि किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि का कोई उपबंध संसद् द्वारा बनाई गई विधि के, जिसे अधिनियमित करने के…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५४ : संसद् द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में अंसगति ।

Constitution अनुच्छेद २५३ : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५३ : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान । इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को किसी अन्य देश या देशों के साथ की गई किसी संधि, करार या अभिसमय अथवा किसी…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५३ : अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान ।

Constitution अनुच्छेद २५२ : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५२ : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना । १)यदि किन्हीं दो या अधिक राज्यों के विधान-मंडलों को यह वांछनीय प्रतीत…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५२ : दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना ।

Constitution अनुच्छेद २५१ : संसद् द्वारा अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५१ : संसद् द्वारा अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति । अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० की कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल की ऐसी विधि बनाने…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५१ : संसद् द्वारा अनुच्छेद २४९ और अनुच्छेद २५० के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति ।

Constitution अनुच्छेद २५० : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २५० : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति । १) इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को, जब तक आपात की…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २५० : यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

Constitution अनुच्छेद २४९ : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४९ : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति । १)इस अध्याय के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सभा में उपस्थित और मत देने वाले…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २४९ : राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।

Constitution अनुच्छेद २४८ : अवशिष्ट विधायी शक्तियां ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४८ : अवशिष्ट विधायी शक्तियां । १)१.(अनुच्छेद २४६क के अधीन रहते हुए, संसद) को किसी ऐसे विषय के संबंध में, जो समवर्ती या राज्य में प्रगणित नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति है । २)ऐसी शक्ति के अंतर्गत ऐसे कर…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २४८ : अवशिष्ट विधायी शक्तियां ।

Constitution अनुच्छेद २४७ : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४७ : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति । इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद् अपने द्वारा बनाई गई विधियों के या किसी विद्यमान विधि के, जो संघ सूची में प्रगणित…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २४७ : कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद् की शक्ति ।

Constitution अनुच्छेद २४६क : माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध :

भारत का संविधान अनुच्छेद २४६क : १.(माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध : १) अनुच्छेद २४६ और अनुच्छेद २५४ में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को, और खंड (२) के अधीन रहते हुए प्रत्येक राज्य के विधान-मंडल को, संघ द्वारा…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २४६क : माल और सेवा कर के संबंध में विशेष उपबंध :

Constitution अनुच्छेद २४६ : संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु ।

भारत का संविधान अनुच्छेद २४६ : संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु । १) खंड २) और खंड ३) में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को सातवीं अनुसूची की सूची १ में (जिसे इस संविधान में संघ…

Continue ReadingConstitution अनुच्छेद २४६ : संसद् द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों की विषय-वस्तु ।