Constitution अनुच्छेद ३२३क : प्रशासनिक अधिकरण ।

भारत का संविधान १.( भाग १४ क : अधिकरण : अनुच्छेद ३२३क : प्रशासनिक अधिकरण । १) संसद् ,विधि द्वारा, संघ या किसी राज्य के अथवा भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अथवा…

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Constitution अनुच्छेद ३२३ : लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३२३ : लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन । १)संघ आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को आयोग द्वारा किए गए कार्य के बारे में प्रतिवर्ष प्रतिवेदन दे और राष्ट्रपति ऐसा प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उन मामलों के संबंध में,…

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Constitution अनुच्छेद ३२२ : लोक सेवा आयोगों के व्यय ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३२२ : लोक सेवा आयोगों के व्यय । संघ या राज्य लोक सेवा आयोग के व्यय, जिनके अंतर्गत आयोग के सदस्यों या कर्मचारिवृंद को या उनके संबंध में संदेय कोई वेतन, भत्ते और पेंशन हैं, यथास्थिति, भारत की संचित निधि या…

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Constitution अनुच्छेद ३२१ : लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३२१ : लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति । यथास्थिति, संसद् द्वारा या किसी राज्य के विधान- मंडल द्वारा बनाया गया कोई अधिनियम संघ लोक सेवा आयोग या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संघ की या राज्य…

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Constitution अनुच्छेद ३१९ : आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१९ : आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध । क) संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र…

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Constitution अनुच्छेद ३१८ : आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१८ : आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति । संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति और राज्य आयोग की दशा में उस राज्य का राज्यपाल १.(***) विनियमों द्वारा…

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Constitution अनुच्छेद ३१७ : लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१७ : लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना । १)खंड (३) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर किए गए…

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Constitution अनुच्छेद ३१६ : सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१६ : सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि । १) लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति, यदि वह संघ आयोग या संयुक्त आयोग है तो, राष्ट्रपति द्वारा और, यदि वह राज्य आयोग है तो, राज्य के राज्यपाल १.(***)…

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Constitution अनुच्छेद ३१५ : संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग ।

भारत का संविधान अध्याय २ : लोक सेवा आयोग : अनुच्छेद ३१५ : संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग । १) इस अनुच्छेद के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक…

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Constitution अनुच्छेद ३१३ : संक्रमणकालीन उपबंध।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१३ : संक्रमणकालीन उपबंध। जब तक इस संविधान के अधीन इस निमित्त अन्य उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी सभी विधियां जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रवृत्त हैं और किसी ऐसी लोक सेवा या किसी ऐसे…

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Constitution अनुच्छेद ३१२क : कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहत करने की संसद् की शक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१२ क : १.(कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेवा की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहत करने की संसद् की शक्ति । १)संसद्, विधि द्वारा - क) उन व्यक्तियों की, जो सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा या सेक्रेटरी ऑफ स्टेट इन…

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Constitution अनुच्छेद ३१२ : अखिल भारतीय सेवाएं ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१२ : अखिल भारतीय सेवाएं । १) १.(भाग ६ के अध्याय ६ या भाग ११ ) में किसी बात के होते हुए भी, यदि राज्य सभा ने उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा समर्थित संकल्प…

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Constitution अनुच्छेद ३११ : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३११ : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना । १)किसी व्यक्ति को जो संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का…

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Constitution अनुच्छेद ३१० : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३१० : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि । १) इस संविधान द्वारा अभिव्यक्त रूप से यथाउपबंधित के सिवाय, प्रत्येक व्यक्ति जो रक्षा सेवा का या संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य…

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Constitution अनुच्छेद ३०९ : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३०९ : संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें । इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, समुचित विधान-मंडल के अधिनियम संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित लोक सेवाओं और पदों…

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Constitution अनुच्छेद ३०८ : निर्वचन ।

भारत का संविधान भाग १४ : संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं : अध्याय १ : सेवाएं : अनुच्छेद ३०८ : निर्वचन । इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, राज्य पद १.( के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं है ।…

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Constitution अनुच्छेद ३०७ : अनुच्छेद ३०१ से अनुच्छेद ३०४ के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३०७ : अनुच्छेद ३०१ से अनुच्छेद ३०४ के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए प्राधिकारी की नियुक्ति । संसद् विधि द्वारा, ऐसे प्राधिकारी की नियुक्ति कर सकेगी जो वह अनुच्छेद ३०१, अनुच्छेद ३०२, अनुच्छेद ३०३ और अनुच्छेद ३०४ के प्रयोजनों को…

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Constitution अनुच्छेद ३०५ : विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३०५ : १.(विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति । वहां तक के सिवाय जहां तक राष्ट्रपति आदेश द्वारा अन्यथा निदेश दे अनुच्छेद ३०१ और अनुच्छेद ३०३ की कोई बात किसी विद्यमान विधि के उपबंधों…

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Constitution अनुच्छेद ३०४ : राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३०४ : राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन । अनुच्छेद ३०१ या अनुच्छेद ३०३ में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, - क) अन्य राज्यों १.(या संघ राज्यक्षेत्रों ) से आयात किए…

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Constitution अनुच्छेद ३०३ : व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन ।

भारत का संविधान अनुच्छेद ३०३ : व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन । १)अनुच्छेद ३०२ में किसी बात के होते हुए भी, सातवीं अनुसूची की सूचियों में से किसी में व्यापार और वाणिज्य संबंधी किसी प्रविष्टि के…

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