Bnss धारा ३५ : पुलिस वारण्ट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ५ : व्यक्तियों की गिरफ्तारी : धारा ३५ : पुलिस वारण्ट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी : १) कोई पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश बिना और वारण्ट के बिना किसी ऐसे व्यक्ती को गिरफ्तार कर सकता है :…

Continue ReadingBnss धारा ३५ : पुलिस वारण्ट के बिना कब गिरफ्तार कर सकेगी :

Bnss धारा ३४ : ग्राम के मामलों के सम्बन्ध में नियोजित अधिकारियों के कतिपय (निश्चित:/कुछ) रिपोर्ट करने का कर्तव्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४ : ग्राम के मामलों के सम्बन्ध में नियोजित अधिकारियों के कतिपय (निश्चित:/कुछ) रिपोर्ट करने का कर्तव्य : १) किसी ग्राम के मामलों के सम्बन्ध में नियोजित प्रत्येक अधिकारी और ग्राम में निवास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति, निकटतम, मजिस्ट्रेट…

Continue ReadingBnss धारा ३४ : ग्राम के मामलों के सम्बन्ध में नियोजित अधिकारियों के कतिपय (निश्चित:/कुछ) रिपोर्ट करने का कर्तव्य :

Bnss धारा ३३ : कुछ अपराधों की इत्तिला का जनता द्वारा किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३३ : कुछ अपराधों की इत्तिला का जनता द्वारा किया जाना : १) प्रत्येक व्यक्ति जो भारतीय न्याय संहिता २०२३ की निम्नलिखित धाराओं के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के किए जाने से या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा करने के…

Continue ReadingBnss धारा ३३ : कुछ अपराधों की इत्तिला का जनता द्वारा किया जाना :

Bnss धारा ३२ : पुलिस अधिकारी से भिन्न ऐसे व्यक्ति को सहायता जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा हो :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३२ : पुलिस अधिकारी से भिन्न ऐसे व्यक्ति को सहायता जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा हो : जब कोई वारण्ट पुलिस अधिकारी से भिन्न किसी व्यक्ति को निर्दिष्ट है, तब कोई भी अन्य व्यक्ति उस वारण्ट के निष्पादन…

Continue ReadingBnss धारा ३२ : पुलिस अधिकारी से भिन्न ऐसे व्यक्ति को सहायता जो वारण्ट का निष्पादन कर रहा हो :

Bnss धारा ३१ : जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३१ : जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी : प्रत्येक व्यक्ति, ऐसे मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी की सहायता करने के लिए आबद्ध है, जो निम्नलिखित कार्यों में उसकी सहायता उचित रुप से माँगता है - (a) क)…

Continue ReadingBnss धारा ३१ : जनता कब मजिस्ट्रेट और पुलिस की सहायता करेगी :

Bnss धारा ३० : वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ४ : वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियाँ और मजिस्ट्रेट तथा पुलिस को सहायता : धारा ३० : वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियाँ : पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी से पंक्ति में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जिस स्थानीय क्षेत्र में नियुक्त…

Continue ReadingBnss धारा ३० : वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की शक्तियाँ :

Bnss धारा २९ : न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों का उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९ : न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों का उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना : १) इस संहिता के अन्य उपबन्धों के अधीन रहते हुए, किसी न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट की शक्तियों और कर्तव्यों का प्रयोग या पालन उसके…

Continue ReadingBnss धारा २९ : न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों का उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना :

Bnss धारा २८ : शक्तियों को वापस लेना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८ : शक्तियों को वापस लेना : १) यथास्थिति, उच्च न्यायालय या राज्य सरकार, उन सब शक्तियों को या उनमें से किसी को वापर ले सकती है जो उसने या उसके अधीनस्थ किसी अधिकारी ने किसी व्यक्ति को इस…

Continue ReadingBnss धारा २८ : शक्तियों को वापस लेना :

Bnss धारा २७ : नियुक्त अधिकारियों की शक्तियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७ : नियुक्त अधिकारियों की शक्तियाँ : सरकार की सेवा में पद धारण करने वाला ऐसा व्यक्ती, जिसमें उच्च न्यायालय राज्य सरकार द्वारा, इस संहिता के अधीन कोई शक्तियाँ किसी समग्र स्थानीय क्षेत्र के लिए निहित की गई है,…

Continue ReadingBnss धारा २७ : नियुक्त अधिकारियों की शक्तियाँ :

Bnss धारा २६ : शक्तियाँ प्रदान करने का ढंग :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६ : शक्तियाँ प्रदान करने का ढंग : १) इस संहिता के अधीन शक्तियाँ प्रदान करने में, यथास्थिति, उच्च न्यायालय या राज्य सरकार व्यक्तियों को विशेषतया नाम से या उनके पद के आधार पर अथवा पदधारियों के वर्गां को…

Continue ReadingBnss धारा २६ : शक्तियाँ प्रदान करने का ढंग :

Bnss धारा २५ : एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने के मामलों में दण्डादेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५ : एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने के मामलों में दण्डादेश : १) जब एक विचारण में कोई व्यक्ति दो या अधिक अपराधों के लिए दोषसिद्ध किया जाता है तब, भारतीय न्याय संहिता २०२३…

Continue ReadingBnss धारा २५ : एक ही विचारण में कई अपराधों के लिए दोषसिद्ध होने के मामलों में दण्डादेश :

Bnss धारा २४ : जुर्माना देने में व्यतिक्रम (अदायगी या भूगतान नहीं करना ) होने पर कारावास का दण्डादेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २४ : जुर्माना देने में व्यतिक्रम (अदायगी या भूगतान नहीं करना ) होने पर कारावास का दण्डादेश : १) किसी मजिस्ट्रेट का न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर इतनी अवधि का कारावास अधिनिर्णीत कर सकता है जो विधि…

Continue ReadingBnss धारा २४ : जुर्माना देने में व्यतिक्रम (अदायगी या भूगतान नहीं करना ) होने पर कारावास का दण्डादेश :

Bnss धारा २३ : दण्डादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २३ : दण्डादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे : १) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय मृत्यु या आजीवन कारावास या सात वर्ष से अधिक के लिए कारावास के दण्डादेश के सिवाय कोई ऐसा दण्डादेश दे सकता है जो विधि द्वारा…

Continue ReadingBnss धारा २३ : दण्डादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे :

Bnss धारा २२ : दण्डादेश, जो उच्च न्यायालय और सेशन न्यायालय दे सकेंगे :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२ : दण्डादेश, जो उच्च न्यायालय और सेशन न्यायालय दे सकेंगे : १) उच्च न्यायालय विधि द्वारा प्राधिकृत कोई दण्डादेश दे सकता है । २) सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश विधि द्वारा प्राधिकृत कोई भी दण्डादेश दे सकता…

Continue ReadingBnss धारा २२ : दण्डादेश, जो उच्च न्यायालय और सेशन न्यायालय दे सकेंगे :

Bnss धारा २१ : न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३ : न्यायालयों की शक्ति : धारा २१ : न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय है : इस संहिता के अन्य उपबन्धों के अधीन रहते हुए- (a) क) भारतीय न्याय संहिता २०२३ के अधीन किसी अपराध का विचारण - एक)…

Continue ReadingBnss धारा २१ : न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय है :

Bnss धारा २० : अभियोजन निदेशालय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २० : अभियोजन निदेशालय : १) राज्य सरकार,- (a) क) राज्य में एक अभियोजन निदेशालय जिसमें एक अभियोजन निदेशक और कई अभियोजन उपनिदेशक हो सकेगें; और (b) ख) प्रत्येक जिले में जिला अभियोजन निदेशालय में उतने अभियोजन उप निदेशक…

Continue ReadingBnss धारा २० : अभियोजन निदेशालय :

Bnss धारा १९ : सहायक लोक अभियोजक :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९ : सहायक लोक अभियोजक : १) राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों में अभियोजन का संचालन करने के लिए एक या अधिक सहायक लोक अभियोजक नियुक्त करेगी । २) केन्द्रीय सरकार, मजिस्ट्रेटों के न्यायालयों में किसी…

Continue ReadingBnss धारा १९ : सहायक लोक अभियोजक :

Bnss धारा १८ : लोक अभियोजक (पक्षचालक / सरकारी वकील) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १८ : लोक अभियोजक (पक्षचालक / सरकारी वकील) : १) प्रत्येक उच्च न्यायालय के लिए, केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार उस उच्च न्यायालय से परामर्श के पश्चात्, यथास्थिति, केन्द्रीय या राज्य सरकार की और से उस उच्च न्यायालय में…

Continue ReadingBnss धारा १८ : लोक अभियोजक (पक्षचालक / सरकारी वकील) :

Bnss धारा १७ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ (दुय्यमता) होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १७ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ (दुय्यमता) होना : १) सब कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ होंगे और (उपखण्ड मजिस्ट्रेट से भिन्न ) प्रत्येक कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जो उपखण्ड में शक्ति का प्रयोग कर रहा है, जिला मजिस्ट्रेट के…

Continue ReadingBnss धारा १७ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों का अधीनस्थ (दुय्यमता) होना :

Bnss धारा १६ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १६ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता : १) राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन रहते हुए जिला मजिस्ट्रेट, समय-समय पर, उन क्षेत्रों की स्थानीय सीमाएँ, परिनिश्चित कर सकता है जिनके अन्दर कार्यपालक मजिस्ट्रेट उन सब शक्तियों का या…

Continue ReadingBnss धारा १६ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकारिता :