Bnss धारा २१२ : मामले मजिस्ट्रेटों के हवाले करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१२ : मामले मजिस्ट्रेटों के हवाले करना : १) कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अपराध का संज्ञान करने के पश्चात् मामले को जाँच या विचारण के लिए अपने अधीनस्थ किसी सक्षम मजिस्ट्रेट के हवाले कर सकता है । २) मुख्य…

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Bnss धारा २११ : अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २११ : अभियुक्त के आवेदन पर अंतरण : जब मजिस्ट्रेट किसी अपराध का संज्ञान धारा २१० की उपधारा (१) के खण्ड (ग) के अधीन करता है तब अभियुक्त को, कोई साक्ष्य लेने से पहले, इत्तिला दी जाएगी कि वह…

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Bnss धारा २१० : मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधों का संज्ञान (विचारन) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय १४ : कार्यवाहियाँ शुरु करने के लिए अपेक्षित शर्तें : धारा २१० : मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराधों का संज्ञान (विचारन) : १) इस अध्यायों के उपबंधो के अधीन रहते हुए, कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट और उपधारा (२) के अधीन विशेषतया…

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Bnss धारा २०९ : भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०९ : भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना : जब किसी ऐसे अपराध की जिसका भारत से बाहर किसी क्षेत्र में किया जाना अभिकथित है, जाँच या विचारण धारा २०८ के उपबंधो के अधीन…

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Bnss धारा २०८ : भारत से बाहर किया गया अपराध :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०८ : भारत से बाहर किया गया अपराध : जब कोइ अपराध भारत से बाहर - (a) क) भारत के किसी नागरिक द्वारा चाहे खुले समुद्र पर या अन्यत्र; अथवा (b) ख) किसी व्यक्ति द्वारा, जो भारत का नागरित…

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Bnss धारा २०७ : स्थानीय अधिकारीता के परे किए गए अपराध के लिए समन या वारण्ट जारी करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०७ : स्थानीय अधिकारीता के परे किए गए अपराध के लिए समन या वारण्ट जारी करने की शक्ति : १) जब किसी प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट को यह विश्वास करने का कारण दिखाई देता है कि उसकी स्थानीय अधिकारिता के…

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Bnss धारा २०६ : संदेह की दशा में उच्च न्यायालय का वह जिला विनिश्चित करना जिसमें जाँच या विचारण होगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०६ : संदेह की दशा में उच्च न्यायालय का वह जिला विनिश्चित करना जिसमें जाँच या विचारण होगा : जहाँ दो या अधिक न्यायालय एक ही अपराध का संज्ञान कर लेते है और यह प्रश्न उठता है कि उनमें…

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Bnss धारा २०५ : विभिन्न सेशन खण्डों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०५ : विभिन्न सेशन खण्डों में मामलों के विचारण का आदेश देने की शक्ति : इस अध्याय के पूर्ववर्ती उपबंधो मे किस बात के होते हुए भी, राज्य सरकार निदेश दे सकती है कि ऐसे किन्हीं मामलों का या…

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Bnss धारा २०४ : एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए विचारण का स्थान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०४ : एक साथ विचारणीय अपराधों के लिए विचारण का स्थान : जहाँ - (a) क) किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध ऐसे है कि प्रत्येक ऐसे अपराध के लिए धारा २४२, धारा २४३ या धारा २४४ के उपबंधो…

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Bnss धारा २०३ : यात्रा या जलयात्रा में किया गया अपराध :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०३ : यात्रा या जलयात्रा में किया गया अपराध : यदि कोई अपराध उस समय किया गया है जब वह व्यक्ति, जिसके द्वारा, या वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध, या वह चीज जिसके बारे में वह अपराध किया गया, किसी…

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Bnss धारा २०२ : इलैक्ट्रानिक सूचना के साधनों, पत्रों आदि द्वारा किए गए अपराध :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०२ : इलैक्ट्रानिक सूचना के साधनों, पत्रों आदि द्वारा किए गए अपराध : १) किसी ऐसे अपराध की, जिसमे छल करना भी है, जाँच या उनका विचारण, उस दशा में जिसमें ऐसी प्रवंचना इलैक्ट्रानिक संसूचना, पत्रों या दूरसंचार संदेशो…

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Bnss धारा २०१ : कुछ अपराधों की दशा में विचारण का स्थान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०१ : कुछ अपराधों की दशा में विचारण का स्थान : १) डकैती के, हत्या सहित डकैती के, डकैतों की टोली का होने के, या अभिरक्षा से निकल भागने के किसी अपराध की जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा…

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Bnss धारा २०० : जहाँ कार्य अन्य अपराध से संबंधित होने के कारण अपराध है, वहाँ विचारण का स्थान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २०० : जहाँ कार्य अन्य अपराध से संबंधित होने के कारण अपराध है, वहाँ विचारण का स्थान : जब कोई कार्य किसी ऐसे अन्य कार्य से संबंधित होने के कारण अपराध है, जो स्वयं भी अपराध है या अपराध…

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Bnss धारा १९९ : अपराध वहाँ विचारणीय होगा जहाँ कार्य किया गया या जहाँ परिणाम निकला :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९९ : अपराध वहाँ विचारणीय होगा जहाँ कार्य किया गया या जहाँ परिणाम निकला : जब कोई कार्य किसी की गई बात के और किसी निकले हुए परिणाम के कारण अपराध है तब ऐसे अपराध की जाँच या विचारण…

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Bnss धारा १९८ : जाँच या विचारण का स्थान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९८ : जाँच या विचारण का स्थान : (a) क) जहाँ यह अनिश्चित है कि कई स्थानीय क्षेत्रों में से किसमें अपराध किया गया है , अथवा (b) ख) जहाँ अपराध अंशत: एक स्थानिय क्षेत्र में और अंशत: किसी…

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Bnss धारा १९७ : जाँच और विचारण का मामूली स्थान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय १४ : जाँचों और विचारणों में दण्ड न्यायालयों की अधिकारिता : धारा १९७ : जाँच और विचारण का मामूली स्थान : प्रत्येक अपराध की जाँच और विचारण मामूली तौर पर ऐसे न्यायालय द्वारा किया जाएगा जिसकी स्थानिय अधिकारीता के…

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Bnss धारा १९६ : मृत्यु के कारण की मजिस्ट्रेट द्वारा जाँच :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९६ : मृत्यु के कारण की मजिस्ट्रेट द्वारा जाँच : १) जब मामला धारा १९४ की उपधारा (३) के खण्ड (एक) या खण्ड (दो) में निर्दिष्ट प्रकृति का है तब मृत्यु के कारण की जांच, पुलिस अधिकारी द्वारा किए…

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Bnss धारा १९५ : व्यक्तियों को समन करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९५ : व्यक्तियों को समन करने की शक्ति : १) धारा १९४ के अधीन कार्यवाही करने वाला पुलिस अधिकारी यथापूर्वोक्त दो या अधिक व्यक्तियों को उक्त अन्वेषण के प्रयोजन से और किसी अन्य ऐसे व्यक्ती को, जो मामले के…

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Bnss धारा १९४ : आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जाँच करना और रिपोर्ट देना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९४ : आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जाँच करना और रिपोर्ट देना : १) जब पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी, या राज्य सरकार द्वारा उस निमित्त विशेषतया सशक्त किए गए किसी अन्य पुलिस अधिकारी को यह इत्तिला मिलती है…

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Bnss धारा १९३ : अन्वेषण के समाप्त हो जाने पर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा १९३ : अन्वेषण के समाप्त हो जाने पर पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट : १) इस अध्याय के अधीन किया जाने वाला प्रत्येक अन्वेषण अनावश्यक विलम्ब के बिना पूरा किया जाएगा । २) भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६४,…

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