Bnss धारा २३३ : परिवाद वाले मामलें में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया और उसी अपराध के बारे में पुलिस अन्वेषण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २३३ : परिवाद वाले मामलें में अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया और उसी अपराध के बारे में पुलिस अन्वेषण : १) जब पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी मामले में (जिसे इसमें इसके पश्चात् परिवाद वाल मामला…

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Bnss धारा २३२ : जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है तब मामला उसे सुपुर्द करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २३२ : जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है तब मामला उसे सुपुर्द करना : जब पुलिस रिपोर्ट पर या अन्यथा संस्थित किसी मामले में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है और मजिस्ट्रेट…

Continue ReadingBnss धारा २३२ : जब अपराध अनन्यत: सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है तब मामला उसे सुपुर्द करना :

Bnss धारा २३१ : सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ देना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २३१ : सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय अन्य मामलों में अभियुक्त को कथनों और दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ देना : जहाँ पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी मामले में, धारा २२७ के अधीन आदेशिका जारी करने वाले मजिस्ट्रेट को…

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Bnss धारा २३० : अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २३० : अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट या अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि देना : किसी ऐसे मामले में जहाँ कार्यवाही पुलिस रिपोर्ट के आधार पर संस्थित की गई है, वहां मजिस्ट्रेट बिना किसी देरी के और मामले में अभियुक्त को…

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Bnss धारा २२९ : छोटे अपराधों के मामले में विशेष समन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२९ : छोटे अपराधों के मामले में विशेष समन : १) यदि किसी छोटे अपराध का संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट की राय में मामले को धारा २८३ या धारा २८४ के अधीन संक्षेपत: निपटाया जा सकता है तो वह…

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Bnss धारा २२८ : मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२८ : मजिस्ट्रेट का अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे सकना : १) जब कभी कोई मजिस्ट्रेट समन जारी करता है तब यदि उसे ऐसा करने का कारण प्रतीत होता है तो वह अभियुक्त को वैयक्तिक हाजिरी अभिमुक्त…

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Bnss धारा २२७ : आदेशिका का जारी किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय १७ : मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही का प्रारंभ किया जाना : धारा २२७ : आदेशिका का जारी किया जाना : १) यदि किसी अपराध का संज्ञान करने वाले मजिस्ट्रेट की राय में कार्यवाही करेन के लिए पर्याप्त आधार है…

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Bnss धारा २२६ : परिवाद का खारिज किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२६ : परिवाद का खारिज किया जाना : यदि परिवादी के और साक्षियों के शपथ पर किए गए कथन पर (यदि कोई हो), और धारा २२५ के अधीन जाँच अन्वेषण (यदि कोई हो) परिणाम पर विचार करने के पश्चात्…

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Bnss धारा २२५ : आदेशिका के जारी किए जाने को मुल्तवी (आगे बढाना) करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२५ : आदेशिका के जारी किए जाने को मुल्तवी (आगे बढाना) करना : १) यदि कोई मजिस्ट्रेट ऐसे अपराध का परिवाद प्राप्त करने पर, जिसका संज्ञान करने के लिए वह प्राधिकृत है या जो धारा २१२ के अधीन उसके…

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Bnss धारा २२४ : ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२४ : ऐसे मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जो मामले का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है : यदि परिवाद ऐसे मजिस्ट्रेट को किया जाता है जो उस अपराध का संज्ञान करने के लिए सक्षम नहीं है, तो- (a) क)…

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Bnss धारा २२३ : परिवादी की परीक्षा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय १६ : मजिस्ट्रेटों से परिवाद : धारा २२३ : परिवादी की परीक्षा : १) जब अधिकारिता रखने वाला मजिस्ट्रेट परिवाद पर किसी अपराध का संज्ञान करेगा तब परिवादी की और यदि कोई साक्षी उपस्थित है तो उनकी शपथ पर…

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Bnss धारा २२२ : मानहानि के लिए अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२२ : मानहानि के लिए अभियोजन : १) कोई न्यायालय भारतीय न्याय संहिता २०२३ के धारा ३५६ के अधीन दण्डनीय अपराध का संज्ञान ऐसे अपराध से व्यथित किसी व्यक्ती द्वारा किये गए परिवाद पर ही करेगा अन्यथा नहीं :…

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Bnss धारा २२१ : अपराध का संज्ञान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२१ : अपराध का संज्ञान : कोई न्यायालय भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६७ के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का, जहाँ व्यक्तियों में वैवाहिक संबंध है, उन तथ्यों का, जिनसे पत्नी द्वारा पति के विरुद्ध परिवाद फाइल किए…

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Bnss धारा २२० : भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८५ के अधीन अपराधों का अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २२० : भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८५ के अधीन अपराधों का अभियोजन : कोई न्यायालय भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ८५ के अधीन दण्डनीय अपराध का संज्ञान ऐसे अपराध को गठित करने वाले तथ्यों की पुलिस रिपोर्ट…

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Bnss धारा २१९ : विवाह के विरुद्ध अपराधों के लिए अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१९ : विवाह के विरुद्ध अपराधों के लिए अभियोजन : १) कोई न्यायालय भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ८१ से धारा ८४ (दोनों सहित) के अधीन दण्डनीय अपराध का संज्ञान ऐसे अपराध से व्यथित किसी व्यक्ति द्वारा किए…

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Bnss धारा २१८ : न्यायाधीशों और लोक-सेवकों का अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१८ : न्यायाधीशों और लोक-सेवकों का अभियोजन : १) जब किसी व्यक्ति पर, जो न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट या ऐसा लोक-सेवक है या था जिसे सरकार द्वारा या उसकी मंजूरी से ही उसके पद से हटाया जा सकता है, अन्यथा…

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Bnss धारा २१७ : राज्य के विरुद्ध अपराधों के लिए और ऐेसे अपराध करने के लिए आपराधिक षडयंत्र के लिए अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१७ : राज्य के विरुद्ध अपराधों के लिए और ऐेसे अपराध करने के लिए आपराधिक षडयंत्र के लिए अभियोजन : १) कोई न्यायालय - (a) क) भारतीय न्याय संहिता २०२३ के अध्याय ७ के अधीन या धारा १९६, धारा…

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Bnss धारा २१६ : धमकी इत्यादि के मामले में साक्षियों के लिए प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१६ : धमकी इत्यादि के मामले में साक्षियों के लिए प्रक्रिया : भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा २३२ के अधीन किसी अपराध के संबंध में साक्षी या कोई अन्य व्यक्ति परिवाद दाखिल कर सकेगा ।

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Bnss धारा २१५ : लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के लिए और साक्ष्य में दिए गए दस्तावेजों से संबंधित अपराधों के लिए लोक-सेवको के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के लिए अभियोजन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१५ : लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों के लिए और साक्ष्य में दिए गए दस्तावेजों से संबंधित अपराधों के लिए लोक-सेवको के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के लिए अभियोजन : १) कोई न्यायालय - (a) क) एक) भारतीय न्याय…

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Bnss धारा २१३ : अपराधों को सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान (विचारण) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २१३ : अपराधों को सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान (विचारण) : इस संहिता द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई सेशन न्यायालय आरंभिक अधिकारिता वाले न्यायालय के रुप में किसी…

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