Nsa act 1980 धारा ५क : १.(निरोध के आधारों का पृथक किया जाना :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा ५क : १.(निरोध के आधारों का पृथक किया जाना : जहां कोई व्यक्ति धारा ३ के अधीन ऐसे निरोध-आदेश के (चाहे वह राष्ट्रीय सुरक्षा (दूसरा संशोधन) अधिनियम, १९८४ के प्रारम्भ के पूर्व या उसके पश्चात किया गया हो) अनुसरण में,…

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Nsa act 1980 धारा ५ : निरोध का स्थान तथा दशाओं का विनियमन करने की शक्ति :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा ५ : निरोध का स्थान तथा दशाओं का विनियमन करने की शक्ति : प्रत्येक व्यक्ति, जिसके विरुद्ध निरोध-आदेश किया गया है,- (a)(क) ऐसे स्थान पर और ऐसी दशाओं में, जिनके अन्तर्गत भरण-पोषण, अनुशासन तथा अनुशासन भंग करने के लिए दण्ड…

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Nsa act 1980 धारा ४ : निरोध-आदेशों का निष्पादन :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा ४ : निरोध-आदेशों का निष्पादन : निरोध-आदेश का निष्पादन भारत में किसी भी स्थान पर उस रीति से किया जा सकेगा जो दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में गिरफ्तारी के वारण्टों के निष्पादन के लिए उपबन्धित है।

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Nsa act 1980 धारा ३ : कुछ व्यक्तियों को निरुद्ध करने का आदेश करने की शक्ति :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा ३ : कुछ व्यक्तियों को निरुद्ध करने का आदेश करने की शक्ति : (१) यदि केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार का, - (a)(क) किसी व्यक्ति के सम्बन्ध में यह समाधान हो जाता है कि उसे भारत की सुरक्षा पर, भारत…

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Nsa act 1980 धारा २ : परिभाषाएं :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा २ : परिभाषाएं : इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,- (a)(क) केन्द्रीय सरकार द्वारा किए गए निरोध-आदेश या ऐसे आदेश के अधीन निरुद्ध व्यक्ति के संबंध में, समुचित सरकार से केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है,…

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Nsa act 1980 धारा १ : संक्षिप्त नाम और विस्तार :

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम १९८० धारा १ : संक्षिप्त नाम और विस्तार : (१९८० का अधिनियम संख्यांक ६५) कुछ मामलों में निवारक निरोध का और उससे सम्बद्ध विषयों का उपबन्ध करने के लिए अधिनियम भारत गणराज्य के इकतीसवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह…

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Hma 1955 धारा २९ : व्यावृत्तियां :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ व्यावृत्तियां और निरसन : धारा २९ : व्यावृत्तियां : (१) इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व हिन्दुओं के बीच, अनुष्ठापित ऐसा विवाह, जो अन्यथा विधिमान्य हो, केवल इस तथ्य के कारण, अविधिमान्य या कभी अविधिमान्य रहा हुआ न समझा जाएगा कि…

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Hma 1955 धारा २८क : डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २८क : डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन : इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में न्यायालय द्वारा दी गई सभी डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन उसी प्रकार किया जाएगा जिस प्रकार उस न्यायालय द्वारा अपनी आरंभिक सिविल अधिकारिता के प्रयोग…

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Hma 1955 धारा २८ : १.(डिक्रियों और आदेशों की अपीलें :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २८ : १.(डिक्रियों और आदेशों की अपीलें : १) इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में न्यायालय द्वारा दी गई सभी डिक्रियां, उपधारा (३) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए उसी प्रकार अपीलनीय होंगी जैसे उस न्यायालय द्वारा अपनी आरम्भिक…

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Hma 1955 धारा २७ : सम्पत्ति का व्ययन :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २७ : सम्पत्ति का व्ययन : इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी भी कार्यवाही में, न्यायालय ऐसी सम्पत्ति के बारे में, जो विवाह के अवसर पर या उसके आसपास उपहार में दी गई हो और संयुक्ततः पति और पत्नी…

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Hma 1955 धारा २६ : अपत्यों की अभिरक्षा :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २६ : अपत्यों की अभिरक्षा : इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी भी कार्यवाही में न्यायालय अप्राप्तव अपत्यों की अभिरक्षा, भरण-पोषण और शिक्षा के बारे में, यथासंभव उनकी इच्छा के अनुकूल, समय-समय पर ऐसे आदेश पारित कर सकेगा और…

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Hma 1955 धारा २५ : स्थायी निर्वाहिका और भरण-पोषण :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २५ : स्थायी निर्वाहिका और भरण-पोषण : (१) इस अधिनियम के अधीन अधिकारिता का प्रयोग कर रहा कोई भी न्यायालय, डिक्री पारित करने के समय या उसके पश्चात किसी भी समय, यथास्थिति, पति या पत्नी द्वारा इस प्रयोजन से किए…

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Hma 1955 धारा २४ : वाद लम्बित रहते भरण-पोषण और कार्यवाहियों के व्यय :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २४ : वाद लम्बित रहते भरण-पोषण और कार्यवाहियों के व्यय : जहां कि इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी कार्यवाही में न्यायालय को यह प्रतीत हो कि, यथास्थिति, पति या पत्नी की ऐसी कोई स्वतंत्र आय नहीं है जो…

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Hma 1955 धारा २३क : १.(विवाह-विच्छेद और अन्य कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को अनुतोष :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २३क : १.(विवाह-विच्छेद और अन्य कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को अनुतोष : विवाह- विच्छेद या न्यायिक पृथक्करण या दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए किसी कार्यवाही में प्रत्यर्थी अर्जीदार के जारकर्म, क्रूरता या अधित्यजन के आधार पर चाहे गए अनुतोष का…

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Hma 1955 धारा २३ : कार्यवाहियों में डिक्री :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २३ : कार्यवाहियों में डिक्री : (१) यदि इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी कार्यवाही में, चाहे उसमें प्रतिरक्षा में की गई हो या नहीं, न्यायालय का समाधान हो जाए कि - (a)(क) अनुतोष अनुदत्त करने के आधारों में…

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Hma 1955 धारा २२ : १.( कार्यवाहियों का बन्द कमरे में होना और उन्हें मुद्रित या प्रकाशित न किया जाना :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २२ : १.( कार्यवाहियों का बन्द कमरे में होना और उन्हें मुद्रित या प्रकाशित न किया जाना : १) इस अधिनियम के अधीन हर कार्यवाही बन्द कमरे में की जाएगी और किसी व्यक्ति के लिए ऐसी किसी कार्यवाही के सम्बन्ध…

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Hma 1955 धारा २१ग : १.(दस्तावेजी साक्ष्य :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ग : १.(दस्तावेजी साक्ष्य : किसी अधिनियमिति में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी यह है कि इस अधिनियम के अधीन अर्जी के विचारण को किसी कार्यवाही में कोई दस्तावेज साक्ष्य में इस आधार पर अग्राह्य नहीं होगी कि…

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Hma 1955 धारा २१ख : १.(इस अधिनियम के अधीन अर्जियों के विचारण और निपटारे से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ख : १.(इस अधिनियम के अधीन अर्जियों के विचारण और निपटारे से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध : १) इस अधिनियम के अधीन अर्जी का विचारण, जहां तक कि न्याय के हित से संगत रहते हुए उस विचारण के बारे से साध्य…

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Hma 1955 धारा २१क : १.(कुछ मामलों में अर्जियों को अन्तरित करने की शक्ति :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१क : १.(कुछ मामलों में अर्जियों को अन्तरित करने की शक्ति : (१) जहां- (a)(क) इस अधिनियम के अधीन कोई अर्जी अधिकारिता रखने वाले जिला न्यायालय में विवाह के किसी पक्षकार द्वारा धारा १० के अधीन न्यायिक पृथक्करण की डिक्री…

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Hma 1955 धारा २१ : १९०८ के अधिनियम संख्यांक ५ का लागू होना :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ : १९०८ के अधिनियम संख्यांक ५ का लागू होना : इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट अन्य उपवन्धों के और उन नियमों के जो उच्च न्यायालय इस निमित्त बनाए, अध्यधीन यह है कि इस अधिनियम के अधीन सब कार्यवाहियां जहां तक…

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