Bnss धारा २७४ : अभियोग का सारांश बताया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २१ : मजिस्ट्रेट द्वारा समन-मामलों का विचारण : धारा २७४ : अभियोग का सारांश बताया जाना : जब समन मामलों में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, तब उसे उस अपराध की विशिष्टियाँ बताई…

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Bnss धारा २७३ : उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७३ : उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर : १) यदि परिवाद पर या पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को दी गई इत्तिला पर संस्थित किसी मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष एक या अधिक व्यक्तियों पर मजिस्ट्रेट द्वारा…

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Bnss धारा २७२ : परिवादी की अनुपस्थिति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७२ : परिवादी की अनुपस्थिति : जब कार्यवाही परिवाद पर संस्थित की जाती है और मामले की सुनवाई के लिए नियत किसी दिन परिवादी अनुपस्थित है और अपराध का विधिपूर्वक शमन किया जा सकता है या वह संज्ञेय अपराध…

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Bnss धारा २७१ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ (C) ग - विचारण की समाप्ति : धारा २७१ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि : १) यदि इस अध्याय के अधीन किसी मामले में, जिसमें आरोप विरचित किया गया है, मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि अभियुक्त दोषी नहीं है…

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Bnss धारा २७० : प्रतिरक्षा का साक्ष्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७० : प्रतिरक्षा का साक्ष्य : तब अभियुक्त से अपेक्षा की जाएगी कि वह अपनी प्रतिरक्षा आरंभ करे और अपना साक्ष्य पेश करे और मामले को धारा २६६ के उपबंध लागू होंगे ।

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Bnss धारा २६९ : प्रक्रिया, जहाँ अभियुक्त उन्मोचित नहीं किया जाता :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६९ : प्रक्रिया, जहाँ अभियुक्त उन्मोचित नहीं किया जाता : १) यदि ऐसा साक्ष्य ले लिए जाने पर या मामले के किसी पूर्वतन प्रक्रम में मजिस्ट्रेट की यह राय है कि ऐसी उपधारणा करने का आधार है कि अभियुक्त…

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Bnss धारा २६८ : अभियुक्त को कब उन्मोचित (दोषमुक्त / छोड देणा) किया जाएगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६८ : अभियुक्त को कब उन्मोचित (दोषमुक्त / छोड देणा) किया जाएगा : १) यदि धारा २६७ में निर्दिष्ट सब साक्ष्य लेने पर मजिस्ट्रेट का, उन कारणों से,जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार है कि अभियुक्त के विरुद्ध ऐसा…

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Bnss धारा २६७ : अभियोजन का साक्ष्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ (B) ख - पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित मामले : धारा २६७ : अभियोजन का साक्ष्य : १) जब पुलिस रिपोर्ट से भिन्न आधार पर संस्थित किसी वारण्ट-मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष अभियुक्त हाजिर होता है या लाया…

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Bnss धारा २६६ : प्रतिरक्षा का साक्ष्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६६ : प्रतिरक्षा का साक्ष्य : १) तब अभियुक्त से अपेक्षा की जाएगी कि वह अपनी प्रतिरक्षा आरंभ करे और अपना साक्ष्य पेश करे; और यदि अभियुक्त कोई लिखित कथन देता है तो मजिस्ट्रेट उसे अभिलेख में फाईल करेगा…

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Bnss धारा २६५ : अभियोजन (मुकदमा / कारवाई ) के लिए साक्ष्य :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६५ : अभियोजन (मुकदमा / कारवाई ) के लिए साक्ष्य : १) यदि अभियुक्त अभिवचन करने से संकार करता है या अभिवचन नहीं करता है या विचारण किए जाने का दावा करता है या मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा २६४…

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Bnss धारा २६४ : दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६४ : दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धी : यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करता है तो मजिस्ट्रेट उस अभिवाक् को लेखबद्ध करेगा और उसके आधार पर उसे, स्वविवकानुसार, दोषसिद्ध कर सकेगा ।

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Bnss धारा २६३ : आरोप विरचित करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६३ : आरोप विरचित करना : १) यदि ऐसे विचार, परिक्षा, यदि कोई हो, और सुनवाई कर लेने पर मजिस्ट्रेट की यह राय है कि ऐसी उपधारणा करने का आधार है कि अभियुक्त ने इस अध्याय के अधीन विचारणीय…

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Bnss धारा २६२ : अभियुक्त को कब उन्मोचित किया जाएगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६२ : अभियुक्त को कब उन्मोचित किया जाएगा : १) अभियुक्त, धारा २३० के अधीन दस्तावेजों की प्रतियां देने की तारीख से साठ दिवस की अवधि के भीतर उन्मोचन के लिए आवेदन कर सकेगा । २) यदि धारा १९३…

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Bnss धारा २६१ : धारा २३० का अनुपालन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २० : मजिस्ट्रेटों द्वारा वारण्ट-मामलों का विचारण : (A) क - पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित मामले : धारा २६१ : धारा २३० का अनुपालन : जब पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित किसी वारण्ट-मामलें में अभियुक्त विचारण के प्रारंभ में न्यायिक…

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Bnss धारा २६० : धारा २२२ की उपधारा (२) के अधीन संस्थित मामलों में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २६० : धारा २२२ की उपधारा (२) के अधीन संस्थित मामलों में प्रक्रिया : १) धारा २२२ की उपधारा (२) के अधीन अपराध का संज्ञान करेन वाला सेशन न्यायालय मामले का विचारण, मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष पुलिस रिपोर्ट…

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Bnss धारा २५९ : पूर्व दोषसिद्धि :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५९ : पूर्व दोषसिद्धि : ऐसे मामले में, जिसमे धारा २३४ की उपधारा (७) के उपबंधो के अधीन पूर्व दोषसिद्धी का आरोप लगाया गया है और अभियुक्त यह स्वीकार नहीं करता है कि आरोप में किए गए अभिकथन के…

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Bnss धारा २५८ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि का निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५८ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि का निर्णय : १) बहस और विधि प्रश्न (यदि कोई हो) सुनन के पश्चात् न्यायाधीश यथाशीघ्र बहस पूर्ण होणे की तारीख से तीस दिवस की अवधि के भीतर मामले में निर्णय देगा, जिसे उन…

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Bnss धारा २५७ : बहस :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५७ : बहस : जब प्रतिरक्षा के साक्षियों की (यदि कोई हो) परीक्षा समाप्त हो जाती है तो अभियोजक अपने मामले का उपसंहार करगा और अभियुक्त या उसका वकील उत्तर देने का हकदार होगा : परन्तु जहाँ अभियुक्त या…

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Bnss धारा २५६ : प्ररिरक्षा (बचाव) आरंभ करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५६ : प्ररिरक्षा (बचाव) आरंभ करना : १) जहाँ अभियुक्त धारा २५५ के अधीन दोषमुक्त नहीं किया जाता है वहाँ उससे अपेक्षा की जाएगी कि अपनी प्रतिरक्षा आरंभ करे और कोई भी साक्ष्य जो उसके समर्थन में उसके पास…

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Bnss धारा २५५ : दोषमुक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २५५ : दोषमुक्ति : यदि संबद्ध विषय के बारे में अभियोजन का साक्ष्य लेने, अभियुक्त की परीक्षा करने और अभियोजन और प्रतिरक्षा को सुनने के पश्चात् न्यायाधीश का यह विचार है कि इस बात का साक्ष्य नहीं है कि…

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