Bnss धारा ३५७ : प्रक्रिया जहाँ अभियुक्त कार्यवाही नहीं समझता है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५७ : प्रक्रिया जहाँ अभियुक्त कार्यवाही नहीं समझता है : यदि अभियुक्त विकृत-चित्त न होने पर भी ऐसा है कि उसे कार्यवाही समझाई नहीं जा सकती तो न्यायालय जाँच या विचारण में अग्रसर हो सकता है और उच्च न्यायालय…

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Bnss धारा ३५६ : उद्घोषित अपराधी की अनुपस्थिति में जांच, विचारण और निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५६ : उद्घोषित अपराधी की अनुपस्थिति में जांच, विचारण और निर्णय : इस संहिता या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, जब किसी व्यक्ति को उद्घोषित अपराधी घोषित किया जाता है, चाहे…

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Bnss धारा ३५५ : कुछ मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में जाँच और विचारण किए जाने के लिए उपबंध :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५५ : कुछ मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में जाँच और विचारण किए जाने के लिए उपबंध : १) इस संहिता के अधीन जाँच या विचारण के किसी प्रक्रम में यदि न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट का उन कारणों से, जो…

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Bnss धारा ३५४ : प्रकटन (प्रकट की गइ बात) उत्प्रेरित करने के लिए किसी असर का काम में लाया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५४ : प्रकटन (प्रकट की गइ बात) उत्प्रेरित करने के लिए किसी असर का काम में लाया जाना : धारा ३४३ और धारा ३४४ में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, किसी वचन या धमकी द्वारा या अन्यथा कोई असर…

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Bnss धारा ३५३ : अभियुक्त व्यक्ती का सक्षम साक्षी होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५३ : अभियुक्त व्यक्ती का सक्षम साक्षी होना : १) कोई व्यक्ति, जो किसी अपराध के लिए किसी दण्ड न्यायालय के समक्ष अभियुक्त है, प्रतिरक्षा के लिए सक्षम साक्षी होगा और अपने विरुद्ध या उसी विचारण में उसके साथ…

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Bnss धारा ३५२ : मौखिक बहस और बहस का ज्ञापन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५२ : मौखिक बहस और बहस का ज्ञापन : १) कार्यवाही का कोई पक्षकार, अपने साक्ष्य की समाप्ति के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र संक्षिप्त मौखिक बहस कर सकता है और अपनी मौखिक बहस, यदि कोई हो, पूरी करने के पूर्व,…

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Bnss धारा ३५१ : अभियुक्त की परीक्षा करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५१ : अभियुक्त की परीक्षा करने की शक्ति : १) प्रत्येक जाँच या विचारण में, इस प्रयोजन से कि अभियुक्त अपने विरुद्ध साक्ष्य में प्रकट होने वाली किन्हीं परिस्थितियों का स्वयं स्पष्टिकरण कर सके, न्यायालय - (a) क) किसी…

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Bnss धारा ३५० : परिवादियों और साक्षियों के व्यय (खर्चे) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३५० : परिवादियों और साक्षियों के व्यय (खर्चे) : राज्य सरकार द्वारा बनाए गए किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, यदि कोई दण्ड न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसे न्यायालय के समक्ष इस संहिता के अधीन किसी जाँच,…

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Bnss धारा ३४९ : नमूना हस्ताक्षर या हस्तलेख देने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश देने की मजिस्ट्रेट की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४९ : नमूना हस्ताक्षर या हस्तलेख देने के लिए किसी व्यक्ति को आदेश देने की मजिस्ट्रेट की शक्ति : यदी प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट का यह समाधान हो जाता है कि इस संहिता के अधीन किसी अन्वेषण या कार्यवाही के…

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Bnss धारा ३४८ : आवश्यक साक्षी को समन करने या उपस्थित व्यक्ति की परीक्षा करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४८ : आवश्यक साक्षी को समन करने या उपस्थित व्यक्ति की परीक्षा करने की शक्ति : कोई न्यायालय इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के किसी प्रक्रम में किसी व्यक्ति को साक्षी के तौर पर…

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Bnss धारा ३४७ : स्थानीय निरीक्षण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४७ : स्थानीय निरीक्षण : १) कोई न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के किसी प्रक्रम में, पक्षकारों को सम्यक् सूचना देने के पश्चात् किसी स्थान में, जिसमें अपराध का किया जाना अभिकथित है, या किसी…

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Bnss धारा ३४६ : कार्यवाही को मुल्तवी या स्थगित करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४६ : कार्यवाही को मुल्तवी या स्थगित करने की शक्ति : १) प्रत्येक जाँच या विचारण में, कार्यवाहियाँ सभी हाजिर साक्षियों की परीक्षा हो जाने तक दिन-प्रतिदिन जारी रखी जाएगी, जब तक कि ऐसे कारणों से , जो लेखबद्ध…

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Bnss धारा ३४५ : क्षमा की शर्तों का पालन न करने वाले व्यक्ति का विचारण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४५ : क्षमा की शर्तों का पालन न करने वाले व्यक्ति का विचारण : १) जहाँ ऐसे व्यक्ति के बारे में जिसने धारा ३४३ या धारा ३४४ के अधीन क्षमा-दान स्वीकार कर लिया है, लोक अभियोजक प्रमाणित करता है…

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Bnss धारा ३४४ : क्षमादान का निदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४४ : क्षमादान का निदेश देने की शक्ति : मामले की सुपुर्दगी के पश्चात् किसी समय किन्तु निर्णय दिए जाने के पूर्व वह न्यायालय जिसे मामला सुपुर्द किया जाता है किसी ऐसे अपराध से प्रत्यक्ष रुप में संबंद्ध या…

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Bnss धारा ३४३ : सह-अपराधी को क्षमा दान :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४३ : सह-अपराधी को क्षमा दान : १) किसी ऐसे अपराध से,जिसे यह धारा लागू होती है, प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप में संबद्ध या संसर्गित समझे जाने वाले किसी व्यक्ति का साक्ष्य अभिप्राप्त करने की दृष्टि से, मुख्य न्यायिक…

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Bnss धारा ३४२ : प्रक्रिया, जब निगम या रजिस्ट्रीकृत सोसायटी अभियुक्त है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४२ : प्रक्रिया, जब निगम या रजिस्ट्रीकृत सोसायटी अभियुक्त है : १) इस धारा में निगम से कोई निगमित कंपनी या अन्य निगमित निकाय अभिप्रेत है, और इसके अन्तर्गत सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, १८६० (१८६० का २१) के अधीन रजिस्ट्रीकृत…

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Bnss धारा ३४१ : कुछ मामलों में अभियुक्त को राज्य के व्यय पर विधिक सहायता :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४१ : कुछ मामलों में अभियुक्त को राज्य के व्यय पर विधिक सहायता : १) जहाँ न्यायालय के समक्ष किसी विचारण या अपील में, अभियुक्त का प्रतिनिधित्व किसी अधिवक्ता द्वारा नहीं किया जाता है, और जहाँ न्यायालय को यह…

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Bnss धारा ३४० : जिस व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित की गई है उसका प्रतिरक्षा कराने का अधिकार :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३४० : जिस व्यक्ति के विरुद्ध कार्यवाही संस्थित की गई है उसका प्रतिरक्षा कराने का अधिकार : जो व्यक्ति दण्ड न्यायालय के समक्ष अपराध के लिए अभियुक्त है या जिसके विरुद्ध इस संहिता के अधीन कार्यवाही संस्थित की गई…

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Bnss धारा ३३९ : अभियोजन का संचालन करने की अनुज्ञा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३३९ : अभियोजन का संचालन करने की अनुज्ञा : १) किसी मामले की जाँच या विचारण करने वाला कोई मजिस्ट्रेट निरीक्षक की पंक्ति से नीचे के पुलिस अधिकारी से भिन्न किसी भी व्यक्ति द्वारा अभियोजन के संचालित किए जाने…

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Bnss धारा ३३८ : लोक अभियोजकों द्वारा हाजिरी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३३८ : लोक अभियोजकों द्वारा हाजिरी : १) किसी मामले का भारसाधक लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक किसी न्यायालय में, जिसमें वह मामला जाँच, विचारण या अपील के अधीन है, किसी लिखित प्राधिकार के बिना हाजिर हो सकता…

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