Bnss धारा ३९७ : पीडितों का उपचार :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९७ : पीडितों का उपचार : सभी लोक या प्राइवेट अस्पताल, चाहे वे केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे हों, भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६४, कलम ६५, धारा ६६,…

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Bnss धारा ३९६ : पीडित प्रतिकर योजना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९६ : पीडित प्रतिकर योजना : १) प्रत्येक राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार के समन्वय से, पीडित या उसके आश्रितों को, जिनको अपराध के पणिणामस्वरुप हानि या क्षति पहुँची है तथा जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, को प्रतिकर प्रदान करने…

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Bnss धारा ३९५ : प्रतिकर देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९५ : प्रतिकर देने का आदेश : १) जब कोई न्यायालय जुर्माने का दण्डादेश देता है या कोई ऐसा दण्डादेश (जिसके अन्तर्गत मृत्यु दण्डादेश भी है) देता है जिसका भाग जुर्माना भी है, तब निर्णय देते समय वह न्यायालय…

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Bnss धारा ३९४ : पूर्वतन सिद्धदोष अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९४ : पूर्वतन सिद्धदोष अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश : १) जब कोई व्यक्ति, जिसे भारत में किसी न्यायालय ने तीन वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय किसी अपराध के…

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Bnss धारा ३९३ : निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु (विषयवस्तु) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९३ : निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु (विषयवस्तु) : १) इस संहिता द्वारा अभिव्यक्त रुप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय, धारा ३९२ में निर्दिष्ट प्रत्येक निर्णय - (a) क) न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा; (b) ख) अवधारण के…

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Bnss धारा ३९२ : निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २९ : निर्णय : धारा ३९२ : निर्णय : १) आरंभिक अधिकारिता के दण्ड न्यायालय में होने वाले प्रत्येक विचारण में निर्णय पीठासीन अधिकारी द्वारा खुले न्यायालय में या तो विचारण के खत्म होने के पश्चात् तुरन्त या बाद…

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Bnss धारा ३९१ : कुछ न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों के समक्ष किए गए अपराधों का उनके द्वार विचारण न किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९१ : कुछ न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों के समक्ष किए गए अपराधों का उनके द्वार विचारण न किया जाना : धारा ३८३, ३८४, ३८८, और धारा ३८९ में जैसा उपबंधित है उसके सिवाय (उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से भिन्न) दण्ड…

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Bnss धारा ३९० : धारा ३८३, ३८४, ३८८ और धारा ३८९ के अधीन दोषसिद्धियों से अपीलें :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९० : धारा ३८३, ३८४, ३८८ और धारा ३८९ के अधीन दोषसिद्धियों से अपीलें : १) उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय द्वारा धारा ३८३, ३८४, ३८८ या धारा ३८९ के अधीन दण्डादिष्ट कोई व्यक्ति, इस संहिता में किसी…

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Bnss धारा ३८९ : समन के पालन में साक्षी के हाजिर न होने पर उसे दण्डित करने के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८९ : समन के पालन में साक्षी के हाजिर न होने पर उसे दण्डित करने के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया : १) यदि किसी दण्ड न्यायालय के समक्ष हाजिर होने के लिए समन किए जाने पर कोई साक्षी समन के…

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Bnss धारा ३८८ : उत्तर देने या दस्तावेज पेश करने से इंकार करने वाले व्यक्ती को कारावास या उसकी सुपुर्दगी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८८ : उत्तर देने या दस्तावेज पेश करने से इंकार करने वाले व्यक्ती को कारावास या उसकी सुपुर्दगी : यदि दण्ड न्यायालय के समक्ष कोई साक्षी या कोई व्यक्ती, जो किसी दस्तावेज या चीज को पेश करने के लिए…

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Bnss धारा ३८७ : माफी मांगने पर अपराधी का उन्मोचन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८७ : माफी मांगने पर अपराधी का उन्मोचन : जब किसी न्यायालय ने किसी अपराधी को कोई बात, जिसे करने की उससे विधिपूर्वक अपेक्षा की गई थी, करने से इंकार करने या उसे न करने के लिए या साशय…

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Bnss धारा ३८६ : रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार कब सिविल न्यायालय समझा जाएगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८६ : रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार कब सिविल न्यायालय समझा जाएगा : जब राज्य सरकार ऐसा निदेश दे तब कोई भी रजिस्ट्रार या कोई भी उप-रजिस्ट्रार, जो रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, १९०८ (१९०८ का १६) के अधीन नियुक्त है, धारा ३८४ और…

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Bnss धारा ३८५ : जहाँ न्यायालय का विचार है कि मामले में धारा ३८४ के अधीन कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए वहाँ प्रकिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८५ : जहाँ न्यायालय का विचार है कि मामले में धारा ३८४ के अधीन कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए वहाँ प्रकिया : १) यदि किसी मामले में न्यायालय का यह विचार है कि धारा ३८४ में निर्दिष्ट और उसकी…

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Bnss धारा ३८४ : अवमान (अपमान / तौहिन ) के कुछ मामलों में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८४ : अवमान (अपमान / तौहिन ) के कुछ मामलों में प्रक्रिया : १) जब कोई ऐसा अपराध, जैसा भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा २०९, धारा २११, धारा २१२, धारा २१३ या धारा २६५ में वर्णित है, किसी…

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Bnss धारा ३८३ : मिथ्या साक्ष्य देने पर विचारण के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८३ : मिथ्या साक्ष्य देने पर विचारण के लिए संक्षिप्त प्रक्रिया : १) यदि किसी न्यायिक कार्यवाही को निपटाते हुए निर्णय या अंतिम आदेश देते समय कोई सेशन न्यायालय या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट यह राय व्यक्त करता है कि…

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Bnss धारा ३८२ : जहाँ मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहाँ प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८२ : जहाँ मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहाँ प्रक्रिया : १) वह मजिस्ट्रेट, जिससे कोई परिवाद धारा ३७९ या धारा ३८० के अधीन किया जाता है, अध्याय १६ में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ तक हो सके मामले…

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Bnss धारा ३८१ : खर्चे का आदेश देने कि शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८१ : खर्चे का आदेश देने कि शक्ति : धारा ३७९ के अधीन परिवाद फाइल करने के लिए किए गए किसी आवेदन या धारा ३८० के अधीन अपील के संबंध में कार्यवाही करने वाले किसी भी न्यायालय को खर्चे…

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Bnss धारा ३८० : अपील :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३८० : अपील : १) कोई व्यक्ति, जिसके आवेदन पर उच्च न्यायालय से भिन्न किसी न्यायालय ने धारा ३७९ की उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन परिवाद करने से इंकार कर दिया है या जिसके विरुद्ध ऐसा परिवाद…

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Bnss धारा ३७९ : धारा २१५ में वर्णित मामलों में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २८ : न्याय-प्रशासन पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के बारे में उपबंध : धारा ३७९ : धारा २१५ में वर्णित मामलों में प्रक्रिया : जब किसी न्यायालय की, उससे इस निमित्त किए गए आवेदन पर या अन्यथा, यह राय…

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Bnss धारा ३७८ : नातेदार या मित्र की देख-रेख के लिए चित्त-विकृत व्यक्ति का सौपा जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३७८ : नातेदार या मित्र की देख-रेख के लिए चित्त-विकृत व्यक्ति का सौपा जाना : १) जब कभी धारा ३६९ या ३७४ के उपबंधों के अधीन निरुद्ध किसी व्यक्ति का कोई नातेदार या मित्र यह चाहता है कि वह…

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