Bnss धारा ४१७ : छोटे मामलों में अपील न होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१७ : छोटे मामलों में अपील न होना : धारा ४१५ में किसी बात के होते हुए भी, दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा कोई अपील निम्नलिखित में से किसी मामले में न होगी, अर्थात् - (a) क) जहाँ उच्च न्यायालय केवल…

Continue ReadingBnss धारा ४१७ : छोटे मामलों में अपील न होना :

Bnss धारा ४१६ : कुछ मामलों में जब अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करे, अपील न होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१६ : कुछ मामलों में जब अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करे, अपील न होना : धारा ४१५ में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ अभियुक्त व्यक्ति ने दोषी होने का अभिवचन किया है, और ऐसे अभिवचन पर…

Continue ReadingBnss धारा ४१६ : कुछ मामलों में जब अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करे, अपील न होना :

Bnss धारा ४१५ : दोषसिद्धि से अपील :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१५ : दोषसिद्धि से अपील : १) कोई व्यक्ति जो उच्च न्यायालय द्वारा असाधारण, आरंभिक दांडिक अधिकारिता के प्रयोग में किए गए विचारण में दोषसिद्ध किया गया है, उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है । २) कोई व्यक्ति…

Continue ReadingBnss धारा ४१५ : दोषसिद्धि से अपील :

Bnss धारा ४१४ : परिशान्ति कायम रखने या सदाचार के लिए प्रतिभूति अपेक्षित करने वाले या प्रतिभूति स्वीकार करने से इंकार करने वाले या अस्वीकार करने वाले आदेश से अपील :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१४ : परिशान्ति कायम रखने या सदाचार के लिए प्रतिभूति अपेक्षित करने वाले या प्रतिभूति स्वीकार करने से इंकार करने वाले या अस्वीकार करने वाले आदेश से अपील : कोई व्यक्ति - एक) जिसे परिशान्ति कायम रखने या सदाचार…

Continue ReadingBnss धारा ४१४ : परिशान्ति कायम रखने या सदाचार के लिए प्रतिभूति अपेक्षित करने वाले या प्रतिभूति स्वीकार करने से इंकार करने वाले या अस्वीकार करने वाले आदेश से अपील :

Bnss धारा ४१३ : जब तक अन्यथा उपबन्धित न हो किसी अपील का न होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३१ : अपीलें : धारा ४१३ : जब तक अन्यथा उपबन्धित न हो किसी अपील का न होना : दण्ड न्यायालय के किसी निर्णय या आदेश से कोई अपील इस संहिता द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा…

Continue ReadingBnss धारा ४१३ : जब तक अन्यथा उपबन्धित न हो किसी अपील का न होना :

Bnss धारा ४१२ : उच्च न्यायालय की पुष्टि के लिए प्रस्तुत मामलों में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१२ : उच्च न्यायालय की पुष्टि के लिए प्रस्तुत मामलों में प्रक्रिया : मृत्यु दण्डादेश की पुष्टि के लिए उच्च न्यायालय को सेशन न्यायालय द्वारा प्रस्तुत मामलों में उच्च न्यायालय द्वारा पुष्टि के आदेश या अन्य आदेश के दिए…

Continue ReadingBnss धारा ४१२ : उच्च न्यायालय की पुष्टि के लिए प्रस्तुत मामलों में प्रक्रिया :

Bnss धारा ४११ : मतभेद की दशा में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४११ : मतभेद की दशा में प्रक्रिया : जहाँ कोई मामला न्यायाधीशों के न्यायपीठ के समक्ष सुना जाता है और ऐसे न्यायाधीश राय के बारे में समान रुप से विभाजित है वहाँ मामला धारा ४३३ द्वारा उपबंधित रीति से…

Continue ReadingBnss धारा ४११ : मतभेद की दशा में प्रक्रिया :

Bnss धारा ४१० : नए दण्डादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१० : नए दण्डादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना : इस प्रकार प्रस्तुत प्रत्येक मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दण्डादेश का पुष्टिकरण या उसके द्वारा पारित कोई नया दण्डादेश, या आदेश, यदि ऐसे न्यायालय में…

Continue ReadingBnss धारा ४१० : नए दण्डादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना :

Bnss धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति : उच्च न्यायालय धारा ४०७ के अधीन प्रस्तुत किसी मामलें में - (a) क) दण्डादेश की पुष्टि कर सकता है या विधि द्वारा…

Continue ReadingBnss धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :

Bnss धारा ४०८ : अतिरिक्त जाँच किये जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०८ : अतिरिक्त जाँच किये जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति : १) यदि ऐसी कार्यवाही के प्रस्तुत किए जाने पर उच्च न्यायालय यह ठीक समझता है कि दोषसिद्ध व्यक्ति को…

Continue ReadingBnss धारा ४०८ : अतिरिक्त जाँच किये जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति :

Bnss धारा ४०७ : सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३० : मृत्यु दण्डादेशों की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना : धारा ४०७ : सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना : १) जब सेशन न्यायालय मृत्यु दण्डादेश देता है तब कार्यवाही उच्च…

Continue ReadingBnss धारा ४०७ : सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना :

Bnss धारा ४०६ : सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दण्डादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०६ : सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दण्डादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना : ऐसे मामलों में, जिनका विचारण सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वार किया गया है, यथास्थिति, न्यायालय या मजिस्ट्रेट अपने निष्कर्ष और दण्डादेश की…

Continue ReadingBnss धारा ४०६ : सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दण्डादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना :

Bnss धारा ४०५ : निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०५ : निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा : मूल निर्णय कार्यवाही के अभिलेख में फाइल किया जाएगा और जहाँ मूल निर्णय ऐसी भाषा में अभिलिखित किया गया है जो न्यायालय की भाषा से भिन्न है और यदि दोनों…

Continue ReadingBnss धारा ४०५ : निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा :

Bnss धारा ४०४ : अभियुक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०४ : अभियुक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना : १) जब अभियुक्त को कारावास का दण्डादेश दिया जाता है तब निर्णय के सुनाए जाने के पश्चात् निर्णय की एक प्रति उसे नि:शुल्क तुरन्त दी…

Continue ReadingBnss धारा ४०४ : अभियुक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना :

Bnss धारा ४०३ : न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०३ : न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना : इस संहिता या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय कोई न्यायालय जब उसने किसी मामले को निपटाने के लिए अपने निर्णय या अंतिम…

Continue ReadingBnss धारा ४०३ : न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना :

Bnss धारा ४०२ : कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०२ : कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना : जहाँ किसी मामले में न्यायालय - (a) क) किसी अभियुक्त व्यक्ति के सम्बन्ध में कार्यवाही धारा ४०१ के अधीन या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ (१९५८ का २०)…

Continue ReadingBnss धारा ४०२ : कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना :

Bnss धारा ४०१ : सदाचरण की परिवीक्षा पर या भत्र्सना के पश्चात् छोड देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०१ : सदाचरण की परिवीक्षा पर या भत्र्सना के पश्चात् छोड देने का आदेश : १) जब कोई व्यक्ति जो इक्कीस वर्ष से कम आयु का नहीं है केवल जुर्माने से या सात वर्ष या उससे कम अवधि के…

Continue ReadingBnss धारा ४०१ : सदाचरण की परिवीक्षा पर या भत्र्सना के पश्चात् छोड देने का आदेश :

Bnss धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश : १) जब कभी किसी असंज्ञेय अपराध का कोई परिवाद न्यायालय में किया जाता है तब, यदि न्यायालय अभियुक्त को दोषसिद्ध कर देता है ता, वह अभियुक्त पर अधिरोपित…

Continue ReadingBnss धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश :

Bnss धारा ३९९ : निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९९ : निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर : १) जब कभी कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को पुलिस अधिकारी से गिरफ्तार कराता है, तब यदि उस मजिस्ट्रेट को, जिसके द्वारा वह मामला सुना जाता है यह प्रतीत…

Continue ReadingBnss धारा ३९९ : निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर :

Bnss धारा ३९८ : साक्षी संरक्षण स्कीम :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९८ : साक्षी संरक्षण स्कीम : प्रत्येक राज्य सरकार, साक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए साक्षी सुरक्षा स्कीम तैयार करेगी और अधिसूचित करेगी ।

Continue ReadingBnss धारा ३९८ : साक्षी संरक्षण स्कीम :