Mv act 1988 धारा १५७ : १.(बीमा के प्रमाणपत्र के प्रमाणपत्र का अंतरण :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५७ : १.(बीमा के प्रमाणपत्र के प्रमाणपत्र का अंतरण : १) जहां व्यक्ति जिसके पक्ष में इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार बीमा प्रमाणपत्र जारी किया गया है, ऐसे मोटर यान का स्वामित्त, जिसकी बाबत ऐसा बीमा उससे संबंधित बीमा…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५७ : १.(बीमा के प्रमाणपत्र के प्रमाणपत्र का अंतरण :

Mv act 1988 धारा १५६ : १.(बीमा प्रमाणपत्र का प्रभाव :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५६ : १.(बीमा प्रमाणपत्र का प्रभाव : जब बीमाकर्ता ने बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्ति के बीच बीमा की संविदा की बाबत बीमा प्रमाणपत्र जारी किया है तब,- (a)क) यदि और जहां तक प्रमाणपत्र में वर्णित पालिसी बीमाकर्ता द्वारा बीमाकृत को…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५६ : १.(बीमा प्रमाणपत्र का प्रभाव :

Mv act 1988 धारा १५५ : १.(कतिपय वाद हेतुको पर मृत्यु का प्रभाव :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५५ : १.(कतिपय वाद हेतुको पर मृत्यु का प्रभाव : भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम १९२५ की धारा ३०६ में अंतिर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, व्यक्ति जिसके पक्ष में बीमा प्रमाणपत्र जारी किया गया है कि मृत्यु पर यदि ऐसी…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५५ : १.(कतिपय वाद हेतुको पर मृत्यु का प्रभाव :

Mv act 1988 धारा १५४ : १.(धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के संबंध में व्यावृत्ति ।

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५४ : १.(धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के संबंध में व्यावृत्ति । १) धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के प्रयोजन के लिए बीमा की किसी पालिसी के अधीन बीमाकृत व्यक्ति के संबंध में पर-पक्षकार के दायित्वों…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५४ : १.(धारा १५१, धारा १५२ और धारा १५३ के संबंध में व्यावृत्ति ।

Mv act 1988 धारा १५३ : १.(बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्तियों के बीच समझौता :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५३ : १.(बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्तियों के बीच समझौता : १) बीमाकर्ता द्वारा धारा १४७ की उपधारा (१) के खंड (ख) में निर्दिष्ट प्रकृति के किसी दायित्व के संबंध में पर-पक्षकार द्वारा किए जा सकने वाले दावे की बाबत किया…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५३ : १.(बीमाकर्ता और बीमाकृत व्यक्तियों के बीच समझौता :

Mv act 1988 धारा १५२ : १.(बीमा के संबंध में सूचना देने का कर्तव्य :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५२ : १.(बीमा के संबंध में सूचना देने का कर्तव्य : १) कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध धारा १४७ की उपधारा (१) के खंड (ख) में निर्दिष्ट किसी दायित्व की बाबत दावा किया गया है, दावा करने वाले व्यक्ति द्वारा या…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५२ : १.(बीमा के संबंध में सूचना देने का कर्तव्य :

Mv act 1988 धारा १५१ : १.(बीमाकृत के दिवालिया होने पर बीमाकर्ता के विरुद्ध पर-पक्षकार के अधिकार :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५१ : १.(बीमाकृत के दिवालिया होने पर बीमाकर्ता के विरुद्ध पर-पक्षकार के अधिकार : जहां बीमा की किसी संविदा के, जो इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार प्रभावी होती है, किसी व्यक्ति का ऐसे दायित्वों के विरुद्ध, जो वह पर-पक्षकार…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५१ : १.(बीमाकृत के दिवालिया होने पर बीमाकर्ता के विरुद्ध पर-पक्षकार के अधिकार :

Mv act 1988 धारा १५० : १.(पर-पक्षकार जोखिमों की बाबत बीमाकृत व्यक्तियों के विरुद्ध निर्णयों और पचाटों को तुष्ट करने के बीमाकर्ता के कर्तव्य :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५० : १.(पर-पक्षकार जोखिमों की बाबत बीमाकृत व्यक्तियों के विरुद्ध निर्णयों और पचाटों को तुष्ट करने के बीमाकर्ता के कर्तव्य : १) धारा १४७ की उपधारा (३) के अधीन ऐसे व्यक्ति जिसके द्वारा पालिसी प्रभावी की गई है के पक्ष…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५० : १.(पर-पक्षकार जोखिमों की बाबत बीमाकृत व्यक्तियों के विरुद्ध निर्णयों और पचाटों को तुष्ट करने के बीमाकर्ता के कर्तव्य :

Mv act 1988 धारा १४९ : १.(बीमा कंपनी द्वारा निपटारा और इसके लिए प्रक्रिया :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १४९ : १.(बीमा कंपनी द्वारा निपटारा और इसके लिए प्रक्रिया : १) बीमा कंपनी, या तो दावाकर्ता या दुर्घटना सूचना संबंधी रिपोर्ट के माध्यम से या अन्यथा दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर ऐसी दुर्घटना के संबंध में दावों के…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १४९ : १.(बीमा कंपनी द्वारा निपटारा और इसके लिए प्रक्रिया :

Mv act 1988 धारा १४८ : १.(व्यतिकारी देश में जारी की गई बीमा की पालिसी की विधिमान्यता :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १४८ : १.(व्यतिकारी देश में जारी की गई बीमा की पालिसी की विधिमान्यता : जहां भारत और अन्य व्यतिकारी देश के बीच ठहराव के अनुसरण में, व्यतिकारी देश में रजिस्ट्रीकृत मोटर यान किसी मार्ग या दो देशों के किसी सामान्य…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १४८ : १.(व्यतिकारी देश में जारी की गई बीमा की पालिसी की विधिमान्यता :

Mv act 1988 धारा १४७ : १.(नीतियों की अपेक्षा और दायित्व की सीमाएं :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १४७ : १.(नीतियों की अपेक्षा और दायित्व की सीमाएं : १) इस अध्याय की अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए कोई बीमा पालिसी ऐसी पालिसी होनी चाहिए,- (a)क) जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा जारी की गई है, जो कोई प्राधिकृत…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १४७ : १.(नीतियों की अपेक्षा और दायित्व की सीमाएं :

Mv act 1988 धारा १४६ : १.(पर-पक्षकार जोखिमों के विरुद्ध बीमा की आवश्यकता :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १४६ : १.(पर-पक्षकार जोखिमों के विरुद्ध बीमा की आवश्यकता : १) कोई भी व्यक्ति, सिवाय किसी यात्री के रुप में, तब तक किसी सार्वजनिक स्थान पर किसी मोटर यान का उपयोग नहीं करेगा या किसी अन्य व्यक्ति से उपयोग नहीं…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १४६ : १.(पर-पक्षकार जोखिमों के विरुद्ध बीमा की आवश्यकता :

Mv act 1988 धारा १४५ : परिभाषाएं :

मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय ११ : १.(मोटर यानों का पर-व्यक्ति जोखिमों के विरुद्ध बीमा : धारा १४५ : परिभाषाएं : इस अध्याय में,- (a)क) प्राधिकृत बीमाकर्ता से ऐसा बीमाकर्ता अभिप्रेत है, जो भारत में तत्समय साधारण बीमा कारबार कर रहा है और जिसे बीमा…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १४५ : परिभाषाएं :

Mv act 1988 धारा १३९ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय ९ : अस्थायी रूप से भारत से जाने या भारत मे आने वाले मोटर यान : धारा १३९ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) केंद्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निम्नलिखित सभी प्रयोजनों या उनमें से…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३९ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १३८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १३८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १)राज्य सरकार धारा १३७ में विनिर्दिष्ट विषयों से भिन्न इस अध्याय के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी । (1A)१.(१क) राज्य सरकार, सडक सुरक्षा के…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १३७ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १३७ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : केंद्रीय सरकार, निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी का उपबंध करने के लिए नियम बना सकेगी, अर्थात् :- (a)क) ऐसे अवसर जिन पर मोटर यानों के ड्राइवरों द्वारा संकेत…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३७ : केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १३६क : १.(सडक सुरक्षा की इलैक्ट्रानिक मानीटरी और प्रवर्तन :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १३६क : १.(सडक सुरक्षा की इलैक्ट्रानिक मानीटरी और प्रवर्तन : १) राज्य सरकार राष्ट्रीय राजमार्गो, राज्य राज्यमार्गो, राज्य के भीतर ऐसी सडकों या ऐसे किसी शहरी नगर में, जिसकी जनसंख्या ऐसी सीमाओं तक है, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३६क : १.(सडक सुरक्षा की इलैक्ट्रानिक मानीटरी और प्रवर्तन :

Mv act 1988 कलम १३६ : अपघातामध्ये गुंतलेल्या वाहनाची तपासणी :

मोटार वाहन अधिनियम १९८८ कलम १३६ : अपघातामध्ये गुंतलेल्या वाहनाची तपासणी : एखादे मोटार वाहन ज्यामध्ये गुंतलेले आहे असा अपघात घडला असेल, अशा वेळी राज्य शासनाने या बाबतीत प्राधिकृत केलेल्या कोणत्याही व्यक्तीला जर तशी आवश्यकता असेल, तर आपले अधिकारपत्र सादर करून त्या वाहनाची तपासणी करता…

Continue ReadingMv act 1988 कलम १३६ : अपघातामध्ये गुंतलेल्या वाहनाची तपासणी :

Mv act 1988 धारा १३६ : दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १३६ : दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण : जब कोई मोटर यान दुर्घनाग्रस्त हो जाता है तब राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई व्यक्ति, उस दशा में अपना प्राधिकार पेश करके, जब उससे वैसी अपेक्षा की गई है, यान का…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३६ : दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण :

Mv act 1988 धारा १३५ : दुर्घटना मे मामलों का अन्वेषण करने और मार्गस्थ सुख- सुविधाओं आदि के लिए स्कीमें बनाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १३५ : दुर्घटना मे मामलों का अन्वेषण करने और मार्गस्थ सुख- सुविधाओं आदि के लिए स्कीमें बनाना : १) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, निम्नलिखित के लिए उपबंध करने के लिए एक या अधिक स्कीमें बनो सकेगी, अर्थात् :-…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १३५ : दुर्घटना मे मामलों का अन्वेषण करने और मार्गस्थ सुख- सुविधाओं आदि के लिए स्कीमें बनाना :