Mv act 1988 धारा १७३ : अपीलें :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७३ : अपीलें : १) उपधारा (२) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, कोई भी व्यक्ति, जो दावा अधिकरण के अधिनिर्णय से व्यथित है, उस अधिनिर्णय की तारीख से नब्बे दिन के भीतर उच्च न्यायालय का अपील कर सकेगा :…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७३ : अपीलें :

Mv act 1988 धारा १७२ : कतिपय मामलो में प्रतिकरात्मक खर्चे दिलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७२ : कतिपय मामलो में प्रतिकरात्मक खर्चे दिलाना : १)इस अधिनियम के अधीन प्रतिकर के किसी दावे का न्यायनिर्णयन करने वाले दावा अधिकरण का जहां किसी मामले में ऐसे कारणों से, जो लेखबध्द जाएंगे, यह समाधान हो जाता है कि…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७२ : कतिपय मामलो में प्रतिकरात्मक खर्चे दिलाना :

Mv act 1988 धारा १७१ : जहां दावा मंजूर किया गया है वहां ब्याज दिलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७१ : जहां दावा मंजूर किया गया है वहां ब्याज दिलाना : जहां कोई दावा अधिकरण इस अधिनियम के अधीन किए गए प्रतिकर के दावे को मंजूर करता है वहां ऐसा अधिकरण यह निदेश दे सकेगा कि प्रतिकर की रकम…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७१ : जहां दावा मंजूर किया गया है वहां ब्याज दिलाना :

Mv act 1988 धारा १७० : कतिपय मामलों में बीमाकर्ता को पक्षकार बनाया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७० : कतिपय मामलों में बीमाकर्ता को पक्षकार बनाया जाना : जहां जांच के अनुक्रम में दावा अधिकरण का यह समाधान हो जाता है कि- (a)क) दावा करने वाले व्यक्ति तथा उस व्यक्ति के बीच, जिसके विरूध्द दावा किया गया…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७० : कतिपय मामलों में बीमाकर्ता को पक्षकार बनाया जाना :

Mv act 1988 धारा १६९ : दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६९ : दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां : १) धारा १६८ के अधीन कोई जांच करते समय दवा अधिकरण ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, ऐसी संक्षिप्त प्रक्रिया का अनुसरण करेगा जो वह…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६९ : दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां :

Mv act 1988 धारा १६८ : दावा अधिकरणों का अधिनिर्णय :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६८ : दावा अधिकरणों का अधिनिर्णय : १) धारा १६६ के अधीन किए गए प्रतिकर के लिए आवेदन की प्राप्ति पर, दावा अधिकरण बीमाकर्ता को आवेदन की सूचना देने और पक्षकारों को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् (जिसके अंतर्गत…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६८ : दावा अधिकरणों का अधिनिर्णय :

Mv act 1988 धारा १६७ : कतिपय मामलोा में प्रतिकर के लिए दावों के बारे में विकल्प :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६७ : कतिपय मामलोा में प्रतिकर के लिए दावों के बारे में विकल्प : जहां किसी व्यक्ति की मृत्यु, या उसे हुई शारीरिक क्षति से इस अधिनियम के अधीन तथा कर्मकार प्रतिकर अधिनियम, १९२३ (१९२३ का ८) के अधीन भी…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६७ : कतिपय मामलोा में प्रतिकर के लिए दावों के बारे में विकल्प :

Mv act 1988 धारा १६६ : प्रतिकर के लिए आवेदन :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६६ : प्रतिकर के लिए आवेदन : १)धारा १६५ की उपधारा (१) में विनिर्दिष्ट प्रकार की दुर्घटना से उद्भूत प्रतिकर के लिए आवेदन निम्नलिखित द्वारा किया जा सकेगा, अर्थात् :- (a)क) उस व्यक्ति द्वारा, जिसे क्षति हुई है; या (b)ख)…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६६ : प्रतिकर के लिए आवेदन :

Mv act 1988 धारा १६५ : दावा अधिकरण :

मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय १२ : दावा अधिकरण : धारा १६५ : दावा अधिकरण : १) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, एक या अधिक मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (जिन्हें इस अध्याय में इसके पश्चात् दावा अधिकरण कहा गया है ) ऐसे क्षेत्र के…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६५ : दावा अधिकरण :

Mv act 1988 धारा १६४घ : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६४घ : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) राज्य सरकार, धारा १६४ग में विनिर्दिष्ट विषयों से भिन्न इस अध्याय के उपबंधों को क्रियान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी । २) पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६४घ : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १६४ग : १. (केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६४ग : १. (केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : १) केंद्रीय सरकार इस अध्याय के उपबंधों को प्रभावी करने के प्रयोजनों के लिए नियम बना सकेगी । २) पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६४ग : १. (केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १६४ख : १.(मोटरयान दुर्घटना निधि :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६४ख : १.(मोटरयान दुर्घटना निधि : १) केंद्रीय सरकार द्वारा मोटरयान दुर्घटना नामक निधि का गठन किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित जमा किया जाएगा - (a)क) केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित तथा अनुमोदित प्रकृति का संदाय ; (b)ख) केंद्रीय सरकार द्वारा निधि…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६४ख : १.(मोटरयान दुर्घटना निधि :

Mv act 1988 धारा १६४क : १.(दावाकर्ताओं के लिए अंतरिम अनुतोष हेतु स्कीम :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६४क : १.(दावाकर्ताओं के लिए अंतरिम अनुतोष हेतु स्कीम : १) केंद्रीय सरकार, इस अध्याय के अधीन प्रतिकर हेतु प्रार्थना करने वाले दावाकर्ताओं को अंतरिम अनुतोष का उपबंध करने के लिए स्कीमें बना सकेगी । २) उपधारा (१) के अधीन…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६४क : १.(दावाकर्ताओं के लिए अंतरिम अनुतोष हेतु स्कीम :

Mv act 1988 धारा १६४ : १.(मृत्यु या घोर उपहति के मामले में प्रतिकर का संदाय :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६४ : १.(मृत्यु या घोर उपहति के मामले में प्रतिकर का संदाय : १) इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में या विधि का बल रखने वाली लिखत में किसी बात के होते हुए, मोटर यान का स्वामी…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६४ : १.(मृत्यु या घोर उपहति के मामले में प्रतिकर का संदाय :

Mv act 1988 धारा १६३ : १.(धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर के कतिपय मामलों में प्रतिदाय :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६३ : १.(धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर के कतिपय मामलों में प्रतिदाय : १) धारा १६१ के अधीन किसी व्यक्ति की मृत्यु या उसको हुई घोर उपहति की बाबत प्रतिकर का संदाय इस शर्त के अधीन रहते हुए होगा…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६३ : १.(धारा १६१ के अधीन संदत्त प्रतिकर के कतिपय मामलों में प्रतिदाय :

Mv act 1988 धारा १६२ : १.(स्वर्णिम काल के लिए स्कीम :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६२ : १.(स्वर्णिम काल के लिए स्कीम : १) साधारण बीमा कंपनी (राष्ट्रीयकरण) अधिनियम १९७२ या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या विधि का बल रखने वाली किसी लिखत में किसी बात के होते हुए भी भारत में तत्समय कारबार…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६२ : १.(स्वर्णिम काल के लिए स्कीम :

Mv act 1988 धारा १६१ : १.(हिट एंड रन मोटयान दुघर्टना में प्रतिकर के विशेष उपबंध :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६१ : १.(हिट एंड रन मोटयान दुघर्टना में प्रतिकर के विशेष उपबंध : १) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या विधि का बल रखने वाली किसी लिखित में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, केंद्रीय सरकार, इस अधिनियम और…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६१ : १.(हिट एंड रन मोटयान दुघर्टना में प्रतिकर के विशेष उपबंध :

Mv act 1988 धारा १६० : १.(दुर्घटना में सलिप्त यान की विशिष्टियां प्रस्तुत करने का कर्तव्य :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १६० : १.(दुर्घटना में सलिप्त यान की विशिष्टियां प्रस्तुत करने का कर्तव्य : रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी या पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी, यदि किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जो यह अभिकथित करता है कि वह मोटर कार के उपयोग से उदभूत दुर्घटना…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १६० : १.(दुर्घटना में सलिप्त यान की विशिष्टियां प्रस्तुत करने का कर्तव्य :

Mv act 1988 धारा १५९ : १.(दुर्घटना के संबंध में सूचना का दिया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५९ : १.(दुर्घटना के संबंध में सूचना का दिया जाना : पुलिस अधिकारी, अन्वेषण पूरा करने के दौरान दावे के निपटारे को सुकर बनाने के लिए ऐसे प्ररुप और रीति में तथा तीन मास के भीतर और ऐसी विशिष्टियो से…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५९ : १.(दुर्घटना के संबंध में सूचना का दिया जाना :

Mv act 1988 धारा १५८ : १.(कतिपय मामलों में कतिपय प्रमाणपत्रों अनुज्ञप्ति और अनुज्ञापत्र का पेश किया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १५८ : १.(कतिपय मामलों में कतिपय प्रमाणपत्रों अनुज्ञप्ति और अनुज्ञापत्र का पेश किया जाना : १) ऐसा व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर मोटरयान चला रहा है, वर्दीधारी पुलिस अधिकारी जो इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किया गया है,…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १५८ : १.(कतिपय मामलों में कतिपय प्रमाणपत्रों अनुज्ञप्ति और अनुज्ञापत्र का पेश किया जाना :