Mv act 1988 धारा १९० : असुरक्षित दशा वाले यान का उपयोग किया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १९० : असुरक्षित दशा वाले यान का उपयोग किया जाना : १)जो कोई व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान में ऐसे मोटर यान या ट्रेलर को, उसे समय चलाएगा या चलवाएगा या चलाने देगा जब उस यान या ट्रेलर में ऐसी कोई…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १९० : असुरक्षित दशा वाले यान का उपयोग किया जाना :

Mv act 1988 धारा १८९ : दौड और गति का मुकाबला :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८९ : दौड और गति का मुकाबला : जो कोई राज्य सरकार की लिखित सहमति के बिना किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान की किसी भी प्रकार की दौड या गति का मुकाबला करने देगा या उसमें भाग लेगा, वह…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८९ : दौड और गति का मुकाबला :

Mv act 1988 धारा १८८ : कतिपय अपराधों का दुष्प्रेरण करने के लिए दण्ड :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८८ : कतिपय अपराधों का दुष्प्रेरण करने के लिए दण्ड : जो कोई धारा १८४, धारा १८५ या धारा १८६ के अधीन अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करेगा वह उस अपराध के लिए उपबंधित दण्ड से दण्डनीय होगा ।

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८८ : कतिपय अपराधों का दुष्प्रेरण करने के लिए दण्ड :

Mv act 1988 धारा १८७ : दुर्घटना सम्बन्धी अपराधों के लिए दण्ड :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८७ : दुर्घटना सम्बन्धी अपराधों के लिए दण्ड : जो कोई धारा १३२ की उपधारा (१) के खण्ड १.((क)) या धारा १३३ या धारा १३४ के उपबंधों का अनुपालन करने में असफल रहेगा वह कारावास से, जिसकी अवधि २.(छह मास)…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८७ : दुर्घटना सम्बन्धी अपराधों के लिए दण्ड :

Mv act 1988 धारा १८६ : मोटर यान चलाने के लिए मानसिक या शारीरक रूप से अयोग्य होते हुए यान चलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८६ : मोटर यान चलाने के लिए मानसिक या शारीरक रूप से अयोग्य होते हुए यान चलाना : जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान में उस समय मोटर यान चलाएगा जब उसे इस बात का ज्ञान है कि वह किसी ऐसे…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८६ : मोटर यान चलाने के लिए मानसिक या शारीरक रूप से अयोग्य होते हुए यान चलाना :

Mv act 1988 धारा १८५ : किसी मत्त व्यक्ति द्वारा या मादक द्रव्यों के असर में होते हुए किसी व्यक्ति द्वारा मोटर यान चलाया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८५ : किसी मत्त व्यक्ति द्वारा या मादक द्रव्यों के असर में होते हुए किसी व्यक्ति द्वारा मोटर यान चलाया जाना : मोटर यान को चलाते समय या चलाने का प्रयत्न करते समय- (a)१.((क) जिस किसी के रक्त में किसी…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८५ : किसी मत्त व्यक्ति द्वारा या मादक द्रव्यों के असर में होते हुए किसी व्यक्ति द्वारा मोटर यान चलाया जाना :

Mv act 1988 धारा १८४ : खतरनाक तरीके से मोटर यान चलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८४ : खतरनाक तरीके से मोटर यान चलाना : जो कोई मोटर यान को ऐसी गति से ऐसे तरीके से चलाएगा जो मामले की उन सब परिस्थितियों को, जिनके अन्तर्गत उस स्थान का स्वरूप, हालत और उपयोग भी है, जहां…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८४ : खतरनाक तरीके से मोटर यान चलाना :

Mv act 1988 धारा १८३ : अत्यधिक गति आदि से चलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८३ : अत्यधिक गति आदि से चलाना : १) जो कोई धारा ११२ में निर्दिष्ट गति- सीमा का उल्लंघन करके मोटर यान चलाएगा १.(या किसी ऐसे व्यक्ति से, जो उसके द्वारा नियोजित है या उसके नियंत्रण के अधीन किसी व्यक्ति…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८३ : अत्यधिक गति आदि से चलाना :

Mv act 1988 धारा १८२ख : १.(धारा ६२क के उल्लंघन के लिए दंड :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८२ख : १.(धारा ६२क के उल्लंघन के लिए दंड : जो कोई धारा ६२क के उपबंधों का उल्लंघन करता है ऐसे जुमाने से, जो पांच हजार रुपए से कम का नहीं होगा किंतु दस हजार रुपए तक का हो सकेगा,…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८२ख : १.(धारा ६२क के उल्लंघन के लिए दंड :

Mv act 1988 धारा १८२क : १.(मोटर यानों और उनके संघटकों के संनिर्माण, रखरखाव, विक्रय और परिवर्तन से संबंधित अपराधों के लिए दंड :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८२क : १.(मोटर यानों और उनके संघटकों के संनिर्माण, रखरखाव, विक्रय और परिवर्तन से संबंधित अपराधों के लिए दंड : १) जो कोई मोटर यानों का विनिर्माता, आयातकर्ता या ब्यौहारी होने के कारण, मोटर यान का विक्रय करता है या…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८२क : १.(मोटर यानों और उनके संघटकों के संनिर्माण, रखरखाव, विक्रय और परिवर्तन से संबंधित अपराधों के लिए दंड :

Mv act 1988 धारा १८२ : अनुज्ञप्ति संबंधी अपराध :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८२ : अनुज्ञप्ति संबंधी अपराध : १)जो कोई चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने के लिए इस अधिनियम के अधीन निरर्हित होते हुए सार्वजनिक स्थान या किसी अन्य स्थान में मोटर यान चलाएगा या चालन-अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन करेगा या…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८२ : अनुज्ञप्ति संबंधी अपराध :

Mv act 1988 धारा १८१ : धारा ३ या धारा ४ के उल्लंघन में यानों को चलाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८१ : धारा ३ या धारा ४ के उल्लंघन में यानों को चलाना : जो कोई धारा ३ या धारा ४ के उल्लंघन में किसी मोटर यान को चलाएगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी,…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८१ : धारा ३ या धारा ४ के उल्लंघन में यानों को चलाना :

Mv act 1988 धारा १८० : अप्राधिकृत व्यक्तियों को यान चलाने की अनुज्ञा देगा :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १८० : अप्राधिकृत व्यक्तियों को यान चलाने की अनुज्ञा देगा : जो कोई किसी मोटर यान का स्वामी यां भारसाधक व्यक्ति होते हुए ऐसे अन्य किसी व्यक्ति से, जो धारा ३ या धारा ४ के उपबन्धों की पूर्ति नहीं करता…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १८० : अप्राधिकृत व्यक्तियों को यान चलाने की अनुज्ञा देगा :

Mv act 1988 धारा १७९ : आदेशों की अवज्ञा, बाधा डालना और जानकारी देने से इंकार करना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७९ : आदेशों की अवज्ञा, बाधा डालना और जानकारी देने से इंकार करना : १) जो कोई जानबूझकर ऐसे किसी निर्देश की अवज्ञा करेगा जो वैसा निदेश देने के लिए इस अधिनियम के अधीन सशक्त किसी व्यक्ति या प्राधिकारी द्वारा…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७९ : आदेशों की अवज्ञा, बाधा डालना और जानकारी देने से इंकार करना :

Mv act 1988 धारा १७८ : पास या टिकट के बिना यात्रा करने और कंडक्टर द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के लिए तथा ठेका गाडी आदि के चलाने से इंकार करने के लिए शास्ति आदि :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७८ : पास या टिकट के बिना यात्रा करने और कंडक्टर द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के लिए तथा ठेका गाडी आदि के चलाने से इंकार करने के लिए शास्ति आदि : १)जो कोई मंजिली गाडी में समुचित पास या टिकट…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७८ : पास या टिकट के बिना यात्रा करने और कंडक्टर द्वारा कर्तव्य की अवहेलना के लिए तथा ठेका गाडी आदि के चलाने से इंकार करने के लिए शास्ति आदि :

Mv act 1988 धारा १७७क : १.(धारा ११८ के अधीन विनियमों के उल्लंघन के लिए शास्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७७क : १.(धारा ११८ के अधीन विनियमों के उल्लंघन के लिए शास्ति : जो कोई धारा ११८ के अधीन बनाए गए विनियमों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए से कम का नहीं होगा किंतु…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७७क : १.(धारा ११८ के अधीन विनियमों के उल्लंघन के लिए शास्ति :

Mv act 1988 धारा १७७ : अपराधों दे दण्ड के लिए साधारण उपबंध :

मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय १३ : अपराध, शास्तियां और प्रक्रिया : धारा १७७ : अपराधों दे दण्ड के लिए साधारण उपबंध : जो कोई इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए ग, किसी नियम, विनियम या अधिसूचना के किसी उपबंध का उल्लंघन करेगा वह जब…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७७ : अपराधों दे दण्ड के लिए साधारण उपबंध :

Mv act 1988 धारा १७६ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७६ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : राज्य सरकार धारा १६५ से धारा १७४ तक के उपबन्धों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी और ऐसे नियम विशिष्टतया निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७६ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Mv act 1988 धारा १७५ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७५ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन : जहां किसी क्षेत्र के लिए कोई दावा अधिकरण गठित किया गया है वहां किसी भी सिविल न्यायालय को यह अधिकारिता न होगी कि वह प्रतिकर के किसी दावे से संबंधित किसी…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७५ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन :

Mv act 1988 धारा १७४ : बीमाकर्ता से धनराशि की वसूली भू -राजस्व की बकाया के रूप में करना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा १७४ : बीमाकर्ता से धनराशि की वसूली भू -राजस्व की बकाया के रूप में करना : जहां किसी अधिनिर्णय के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा कोई रकम देय है वहां दावा अधिकरण उस रकम के हकदर व्यक्ति द्वारा उसे आवेदन किए…

Continue ReadingMv act 1988 धारा १७४ : बीमाकर्ता से धनराशि की वसूली भू -राजस्व की बकाया के रूप में करना :