Bnss धारा ५१७ : जिस तारिख को न्यायालय बंद हो उस तारीख का अपवर्जन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१७ : जिस तारिख को न्यायालय बंद हो उस तारीख का अपवर्जन : यदि परिसीमा-काल उइ दिन समाप्त होता है जब न्यायालय बंद है तो न्यायालय उस दिन संज्ञान कर सकता है जिस दिन न्यायलय पुन: खुलता है ।…

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Bnss धारा ५१६ : कुछ दशाओं में समय का अपवर्जन (निकालना / छोडना) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१६ : कुछ दशाओं में समय का अपवर्जन (निकालना / छोडना) : १) परिसीमा-काल की संगणना करने में, उस समय का अपवर्जन किया जाएगा, जिसके दौरान कोई व्यक्ति चाहे प्रथम बार के न्यायालय में या अपील या पुनरिक्षण न्यायालय…

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Bnss धारा ५१५ : परिसीमा-काल का प्रारंभ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१५ : परिसीमा-काल का प्रारंभ : १) किसी अपराधी के संबंध में परिसीमा-काल- (a) क) अपराध की तारीख को प्रारंभ होगा; या (b) ख) जहाँ अपराध के किए जाने की जानकारी अपराध द्वारा व्यथित व्यक्ति को या किसी पुलिस…

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Bnss धारा ५१४ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१४ : परिसीमा-काल की समाप्ती के पश्चात् संज्ञान का वर्जन : १) इस संहिता में अन्यत्र जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई न्यायालय उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट प्रवर्ग के किसी अपराध का संज्ञान परिसीमा-काल की समाप्ति के पश्चात…

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Bnss धारा ५१३ : परिभाषा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३८ : कुछ अपराधों का संज्ञान करने के लिए परिसीमा । धारा ५१३ : परिभाषा : इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए जब तक संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो, परिसीमा काल से किसी अपराध का संज्ञान करने के…

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Bnss धारा ५१२ : त्रुटि या गलती के कारण कुर्की का अवैध न होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१२ : त्रुटि या गलती के कारण कुर्की का अवैध न होना : इस संहिता के अधीन की गई कोई कुर्की ऐसी किसी त्रुटि के कारण या प्ररुप के अभाव के कारण विधिविरुद्ध न समझी जाएगी जो समन, दोषसिद्धी,…

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Bnss धारा ५११ : निष्कर्ष या दण्डादेश कब गलती, लोप या अनियमितता के कारण उलटने योग्य होगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५११ : निष्कर्ष या दण्डादेश कब गलती, लोप या अनियमितता के कारण उलटने योग्य होगा : १) इसमें इसके पूर्व अन्तर्विष्ट उपबंधो के अधीन यह है कि सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय द्वारा पारित कोई निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश विचारण…

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Bnss धारा ५१० : आरोप विरचित न करने या उसके अभाव या उसमें गलती का प्रभाव :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५१० : आरोप विरचित न करने या उसके अभाव या उसमें गलती का प्रभाव : १) किसी सक्षम अधिकारिता वाले न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि कोई आरोप विरचित नहीं किया गया अथवा…

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Bnss धारा ५०९ : धारा १८३ या धारा ३१६ के उपबंधों का अननुपालन (न पालन करना ) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०९ : धारा १८३ या धारा ३१६ के उपबंधों का अननुपालन (न पालन करना ) : १) यदि कोई न्यायालय, जिसके समक्ष अभियुक्त व्यक्ति की संस्वीकृति या अन्य कथन, जो धारा १८३ या धारा ३१६ के अधीन अभिलिखित है…

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Bnss धारा ५०८ : गलत स्थान में कार्यवाही :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०८ : गलत स्थान में कार्यवाही : किसी दण्ड न्यायालय का कोई निष्कर्ष, दण्डादेश या आदेश केवल इस आधार पर कि वह जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही जिसके अनुक्रम में उस निष्कर्ष पर पहुँचा गया था या वह दण्डादेश…

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Bnss धारा ५०७ : वे अनियमितताएँ जो कार्यवाही को दूषित करती है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०७ : वे अनियमितताएँ जो कार्यवाही को दूषित करती है : यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से कोई बात विधि द्वारा इस निमित्त सशक्त न होते हुए, करता है तो उसकी कार्यवाही शून्य होगी, अर्थात्- (a) क)…

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Bnss धारा ५०६ : वे अनियमिततएँ जो कार्यवाही को दूषित नहीं करती :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३७ : अनियमित कार्यवाहियाँ : धारा ५०६ : वे अनियमिततएँ जो कार्यवाही को दूषित नहीं करती : यदि कोई मजिस्ट्रेट, जो निम्नलिखित बातों में से किसी को करने के लिए विधि द्वारा सशक्त नहीं है, गलती से सद्भावपूर्वक उस…

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Bnss धारा ५०५ : विनश्वर (नाशवंत) संपत्ति को बेचने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०५ : विनश्वर (नाशवंत) संपत्ति को बेचने की शक्ति : यदि ऐसी संपत्ति पर कब्जे का हकदार व्यक्ति अज्ञात या अनुपस्थित है और संपत्ति शीघ्रतया और प्रकृत्या क्षयक्षील है अथवा यदि उस मजिस्ट्रेट की, जिसे उसके अभिग्रहण की रिपोर्ट…

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Bnss धारा ५०४ : जहाँ छह मास के अन्दर कोई दावेदार हाजिर न हो वहाँ प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०४ : जहाँ छह मास के अन्दर कोई दावेदार हाजिर न हो वहाँ प्रक्रिया : १) यदि ऐसी अवधि के अन्दर कोई व्यक्ति संपत्ति पर अपना दावा सिद्ध न करे और वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति पाई…

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Bnss धारा ५०३ : संपत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०३ : संपत्ति के अभिग्रहण पर पुलिस द्वारा प्रक्रिया : १) जब कभी किसी पुलिस अधिकारी द्वारा किसी संपत्ति के अभिग्रहण की रिपोर्ट इस संहिता के उपबंधो के अधीन मजिस्ट्रेट को की जाती है और जाँच या विचारण के…

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Bnss धारा ५०२ : स्थावर संपत्ति का कब्जा लौटोने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०२ : स्थावर संपत्ति का कब्जा लौटोने की शक्ति : १) जब आपराधिक बल प्रयोग या बल-प्रदर्शन या आपराधिक अभित्रास से युक्त किसी अपराध के लिए कोई व्यक्ति दोषसिद्ध किया जाता है और न्यायालय को यह प्रतीत होता है…

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Bnss धारा ५०१ : अपमानलेखीय और अन्य सामग्री का नष्ट किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०१ : अपमानलेखीय और अन्य सामग्री का नष्ट किया जाना : १) भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा २९४, धारा २९५ या धारा ३५६ की उपधारा (३) और उपधारा (४) के अधीन दोषसिद्ध पर न्यायालय उस चीज की सब…

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Bnss धारा ५०० : धारा ४९८ या धारा ४९९ के अधीन आदेशों के विरुद्ध अपील :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ५०० : धारा ४९८ या धारा ४९९ के अधीन आदेशों के विरुद्ध अपील : १) धारा ४९८ या धारा ४९९ के अधीन किसी न्यायालय या मजिस्ट्रेट द्वारा दिए गए आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति उसके विरुद्ध अपील उस न्यायालय…

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Bnss धारा ४९९ : अभियुक्त के पास मिले धन का निर्दोष क्रेता को संदाय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४९९ : अभियुक्त के पास मिले धन का निर्दोष क्रेता को संदाय : जब कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए, जिसके अन्तर्गत चोरी या चुराई हुई संपत्ति को प्राप्त करना है अथवा चोरी या चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने…

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Bnss धारा ४९८ : विचारण कि समाप्ति पर संपत्ति के व्ययन के लिए आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४९८ : विचारण कि समाप्ति पर संपत्ति के व्ययन के लिए आदेश : १) जब किसी दण्ड न्यायालय में अन्वेषण, जाँच या विचारण समाप्त हो जाता है तब न्यायालय या मजिस्ट्रेट उस संपत्ति या दस्तावेज को, जो उसके समक्ष…

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