Mv act 1988 धारा २१५क : १.(केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा शक्तियों के प्रत्यायोजित किए जाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१५क : १.(केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा शक्तियों के प्रत्यायोजित किए जाने की शक्ति : इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी,- (a)क) केन्द्रीय सरकार को ऐसी किसी शक्ती या कृत्यों को प्रत्यायोजित करने की शक्ति…

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Mv act 1988 धारा २१५ : सडक सुरक्षा परिषदें और समितियां :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१५ : सडक सुरक्षा परिषदें और समितियां : १)केंद्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, देश के लिए एक राष्ट्रीय सडक सुरक्षा परिषद् गठित कर सकेगी जिसमें एक अध्यक्ष और उतने अन्य सदस्य होंगे जितने वह सरकार आवश्यक समझती है और…

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Mv act 1988 धारा २१४ : आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१४ : आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव : १)जहां इस अधिनियम के अधीन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश के विरूध्द अपील की गई है या पुनरीक्षण का आवेदन किया गया है, वहां ऐसी…

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Mv act 1988 धारा २१३ : मोटर यान अधिकारियों की नियुक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१३ : मोटर यान अधिकारियों की नियुक्ति : १) राज्य सरकार, इस अधिनियम, के उपबंधों को प्रभावी करने के प्रयोजन के लिए एक मोटर यान विभाग स्थापित कर सकेगी तथा ऐसे व्यक्तियों को उसके अधिकारी नियुक्त कर सकेगी जिन्हें वह…

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Mv act 1988 धारा २१२ : नियमों और अधिसूचनाओं का प्रकाशन, प्रारंभ और रखश जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१२ : नियमों और अधिसूचनाओं का प्रकाशन, प्रारंभ और रखश जाना : १) इस अधिनियम के अधीन नियम बनाने की शक्ति इस शर्त के अधीन है कि नियम पूर्व प्रकाशन के पश्चात् बनाए जाएंगे । २)इस अधिनियम के अधीन बनाए…

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Mv act 1988 धारा २११क : १.(दस्तावेजों और प्ररुपों का इलैक्ट्रानिक उपयोग :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २११क : १.(दस्तावेजों और प्ररुपों का इलैक्ट्रानिक उपयोग : जहां इस अधिनियम के या तद्धीन बनाए गए नियमों और विनियमों का कोई उपबंध निम्नलिखित के लिए उपबंध करता है,- (a)क) वहां केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण…

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Mv act 1988 धारा २११ : फीस उद्गृहीत करने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ अध्याय १४ : प्रकीर्ण : धारा २११ : फीस उद्गृहीत करने की शक्ति : ऐसे किसी नियम में, जिसे केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार इस अधिनियम के अधीन बनाने के लिए सशक्त है, आवेदनों, दस्तावेजों के संशोधन, प्रमाणपत्र, अनुज्ञप्ति, परमिट दिए…

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Mv act 1988 धारा २१०घ : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१०घ : १.(राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति : राज्य सरका राष्ट्रीय राजमार्गो से भिन्न सडकों के डिजाइन, संनिर्माण और अनुरक्षण के मानकों के लिए और ऐसे किसी अन्य विषय, जो राज्य सरकार द्वारा विहित किया गया है या…

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Mv act 1988 धारा २१०ग : १.( केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१०ग : १.( केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित के लिए नियम बना सकेगी - (a)क) राष्ट्रीय राजमार्गो के डिजाइन, संनिर्माण और अनुरक्षण के मानकों ; (b)ख) ऐसे अन्य कारकों, जिन पर न्यायालय द्वारा धारा…

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Mv act 1988 धारा २१०ख : १.( प्रवर्तनकारी प्राधिकरण द्वारा किए गए अपराध के लिए शास्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१०ख : १.( प्रवर्तनकारी प्राधिकरण द्वारा किए गए अपराध के लिए शास्ति : कोई प्राधिकारी जो इस अधिनियम के उपबंधों को प्रवृत्त करने के लिए सशक्त है, यदि ऐसा प्राधिकारी इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करता है तो वह…

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Mv act 1988 धारा २१० क : १.(शास्तियों में वृद्धि करने की राज्य सरकार की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१० क : १.(शास्तियों में वृद्धि करने की राज्य सरकार की शक्ति : केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार द्वारा बनाई गई शर्तो के अधीन रहते हुए राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक जुर्माने को लागू किए जाने वाले,…

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Mv act 1988 धारा २१० : दोषसिध्दि संबंधी सूचना का न्यायालयों द्वारा भेजा जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २१० : दोषसिध्दि संबंधी सूचना का न्यायालयों द्वारा भेजा जाना : प्रत्येक न्यायालय, जिसके द्वारा कोई ऐसा व्यक्ति, जो चालन-अनुज्ञप्ति धारण किए हुए है, इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए या ऐसे किसी अपराध के लिए, जिसके किए…

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Mv act 1988 धारा २०९ : दोषसिध्दि पर निर्बंधन :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०९ : दोषसिध्दि पर निर्बंधन : धारा १८३ या धारा १८४ के अधीन दण्डनीय अपराध के लिए अभियोजित कोई भी व्यक्ति तभी दोषसिध्द किया जाएगा जब - (a)क) अपराध किए जाने के समय उसे यह चेतावनी दे दी गई थी…

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Mv act 1988 धारा २०८ : मामलों का संक्षिप्त निपटारा :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०८ : मामलों का संक्षिप्त निपटारा : १) इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध (उस अपराध से भिन्न जिसे केन्द्रीय सरकार, नियमों द्वारा, इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे का संज्ञान करने वाला न्यायालय अभियुक्त व्यक्ति पर तामील किए जाने वाले समन…

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Mv act 1988 धारा २०७ : रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, परमिट, आदि के बिना उपयोग किए गए यानों के निरूध्द करने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०७ : रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, परमिट, आदि के बिना उपयोग किए गए यानों के निरूध्द करने की शक्ति : १) यदि राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी पुलिस अधिकारी या अन्य व्यक्ति को यह विश्वास करने का कारण है कि…

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Mv act 1988 धारा २०६ : पुलिस अधिकारी की दस्तावेज परिबध्द करने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०६ : पुलिस अधिकारी की दस्तावेज परिबध्द करने की शक्ति : १)यदि किसी पुलिस अधिकारी अथवा राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत अन्य व्यक्ति को यह विश्वास करने का कारण है कि किसी मोटर यान पर ले जाया जाने वाला…

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Mv act 1988 धारा २०५ : मोटर यान चलाने की अयोग्यता की उपधारणा :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०५ : मोटर यान चलाने की अयोग्यता की उपधारणा : धारा १८५ के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के लिए किसी कार्यवाही में यदि यह साबित हो जाता है कि किसी अभियुक्त ने, जब किसी पुलिस अधिकाीर द्वारा किसी समय ऐसा…

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Mv act 1988 धारा २०४ : प्रयोगशाला परीक्षण :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०४ : प्रयोगशाला परीक्षण : १) किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसे धारा २०३ के अधीन गिरफ्तार किया गया है, जब वह पुलिस थाने में हो, ऐसे रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी को, जो पुलिस अधिकारी द्वारा पेश किया जाए, प्रयोगशाला परीक्षण के…

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Mv act 1988 धारा २०३ : श्वास-परीक्षण :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०३ : श्वास-परीक्षण : १.(१) वर्दी पहने हुए कोई पुलिस अधिकारी या मोटर यान विभाग का कोई अधिकारी जिसे उस विभाग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किया जाए, किसी सार्वजनिक स्थान में मोटर यान चलाने वाले या चलाने का प्रयास करने…

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Mv act 1988 धारा २०२ : वारण्ट के बिना गिरफ्तार करने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८ धारा २०२ : वारण्ट के बिना गिरफ्तार करने की शक्ति : १) वर्दी में कोई भी पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को, जिसने उसकी उपस्थिति में ऐसा अपराध किया है जो धारा १८४ या धारा १८५ या धारा १९७ के अधीन दण्डनीय…

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