Bsa धारा २६ : वे दशाएँ जिनमें उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है, जो मर गया है या मिल नहीं सकता, इत्यादि :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ उन व्यक्तियों के कथन, जिन्हें साक्षी के रुप में बुलाया नहीं जात सकता : धारा २६ : वे दशाएँ जिनमें उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है, जो मर गया है या मिल नहीं सकता, इत्यादि :…

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Bsa धारा २५ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध (स्तंभित करना ) कर सकती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २५ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध (स्तंभित करना ) कर सकती है : स्वीकृतियाँ, स्वीकृत विषयों का निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु एतस्मिन् पश्चात् अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन विवंध रुप में प्रवर्तित हो सकेंगे ।

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Bsa धारा २४ : साबित संस्वीकृति को, जो उसे करने वाले व्यक्ति तथा एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचरित अन्य को प्रभावित करती है विचार में लेना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २४ : साबित संस्वीकृति को, जो उसे करने वाले व्यक्ति तथा एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचरित अन्य को प्रभावित करती है विचार में लेना : जबकि एक से अधिक व्यक्ति एक ही अपराध के लिए संयुक्त…

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Bsa धारा २३ : पुलिस ऑफिसर से की गई संस्वीकृति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २३ : पुलिस ऑफिसर से की गई संस्वीकृति : १) किसी पुलिस ऑफिसर से की गई कोई भी संस्वीकृति किसी अपराध के अभियुक्त व्यक्ति के विरुद्ध साबित न की जाएगी । २) कोई भी संस्वीकृति, जो किसी व्यक्ति ने उस…

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Bsa धारा २२ : उत्प्रेरणा, धमकी, जबरदस्ती (दबाव) या वचन द्वारा कराई गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में कब विसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २२ : उत्प्रेरणा, धमकी, जबरदस्ती (दबाव) या वचन द्वारा कराई गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में कब विसंगत होती है : अभियुक्त व्यक्ति द्वारा की गई संस्वीकृति दाण्डिक कार्यवाही में विसंगत होती है, यदि उसके किए जाने के बारे में न्यायालय…

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Bsa धारा २१ : सिविल मामलों में स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २१ : सिविल मामलों में स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है : सिविल मामलों में कोई भी स्वीकृति सुसंगत नहीं है, यदि वह या तो इस अभिव्यक्त शर्त पर की गई हो कि उसका साक्ष्य नहीं दिया जाएगा या ऐसी परिस्थितियाँ…

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Bsa धारा २० : दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २० : दस्तावेजों की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ कब सुसंगत होती है : किसी दस्तावेज की अन्तर्वस्तु के बारे में मौखिक स्वीकृतियाँ तब तक सुसंगत नहीं होती, यदि और जब तक उन्हें साबित करने की प्रस्थापना करने वाला…

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Bsa धारा १९ : स्वीकृतियों का उन्हें करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध और उनके द्वारा या उनकी और से साबित किया जाना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १९ : स्वीकृतियों का उन्हें करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध और उनके द्वारा या उनकी और से साबित किया जाना : स्वीकृतियाँ उन्हें करने वाले व्यक्ति के या उसके हित प्रतिनिधि के विरुद्ध सुसंगत है और साबित की जा सकेगी,…

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Bsa धारा १८ : वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १८ : वाद के पक्षकार द्वारा अभिव्यक्त रुप से निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ : वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनको वाद के किसी पक्षकार ने किसी विवादग्रस्त विषय के बारे में जानकारी के लिए अभिव्यक्त रुप…

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Bsa धारा १७ : उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १७ : उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के प्रक्षकारां के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए : वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए है जिनकी वाद के किसी पक्षकार के विरुद्ध स्थिति या दायित्व साबित करना आवश्यक…

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Bsa धारा १६ : स्वीकृति – कार्यवाही के पक्षकार या उसके अभिकर्ता द्वारा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६ : स्वीकृति - कार्यवाही के पक्षकार या उसके अभिकर्ता द्वारा : १) वे कथन स्वीकृतियाँ है, जिन्हें कार्यवाही के किसी पक्षकार ने किया हो, या ऐसे किसी पक्षकार के ऐसे किसी अभिकर्ता ने किया हो जिसे मामले की परिस्थितियों…

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Bsa धारा १५ : स्वीकृती की परिभाषा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ स्वीकृतियाँ : धारा १५ : स्वीकृती की परिभाषा : स्वीकृति वह मौखिक या दस्तावेजी अथवा इलेक्ट्रॉनिक रुप में अन्तर्विष्ट कथन है, जो किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य के बारे में कोई अनुमान इंगित करता है और जो ऐसे व्यक्तियों में…

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Bsa धारा १४ : कारबार के अनुक्रम का अस्तित्व कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १४ : कारबार के अनुक्रम का अस्तित्व कब सुसंगत है : जबकि प्रश्न यह है कि क्या कोई विशिष्ट कार्य किया गया था, तब कारबार के ऐसे किसी भी अनुक्रम का अस्तित्व, जिसके अनुसार वह कार्य स्वभावत: किया जाता, सुसंगत…

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Bsa धारा १३ : कार्य आकस्मिक या साशय था इस प्रश्न पर प्रकाश डालने वाला तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १३ : कार्य आकस्मिक या साशय था इस प्रश्न पर प्रकाश डालने वाला तथ्य : जबकि प्रश्न यह है कि कार्य आकस्मिक या साशय था या किसी विशिष्ट ज्ञान या आशय से किया गया था, तब यह तथ्य कि ऐसा…

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Bsa धारा १२ : मन या शरीर की दशा या शारीरिक संवेदना का अस्तित्व दर्शित करने वाले तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १२ : मन या शरीर की दशा या शारीरिक संवेदना का अस्तित्व दर्शित करने वाले तथ्य : मन की कोई भी दशा जैसे आशय, ज्ञान, सद्भाव, उपेक्षा, उतावलापरन, किसी विशिष्ट व्यक्ति के प्रति वैमनस्य या सदिच्छा दर्शित करने वाले अथवा…

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Bsa धारा ११ : जबकि अधिकार या रुढि प्रश्नगत है तब सुसंगत तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ११ : जबकि अधिकार या रुढि प्रश्नगत है तब सुसंगत तथ्य : जहाँ कि किसी अधिकार या रुढि के अस्तित्व के बारे में प्रश्न है, निम्नलिखित तथ्य सुसंगत है - (a) क) कोई संव्यवहार, जिसके द्वारा प्रश्नगत अधिकार या रुढि…

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Bsa धारा १० : नुकसानी के लिए वादों में रकम अवधारित करने के लिए न्यायालय को समर्थ करने की प्रवृत्ति रखने वाले तथ्य सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १० : नुकसानी के लिए वादों में रकम अवधारित करने के लिए न्यायालय को समर्थ करने की प्रवृत्ति रखने वाले तथ्य सुसंगत है : उन वादों में, जिनमें नुकसानी का दावा किया गया है, कोई भी तथ्य सुसंगत है जिससे…

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Bsa धारा ९ : वे तथ्य जा अन्यथा सुसंगत नहीं है कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ९ : वे तथ्य जा अन्यथा सुसंगत नहीं है कब सुसंगत है : वे तथ्य, जो अन्यथा सुसंगत नहीं है, सुसंगत है - १) यदि वे किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य से असंगत है, २) यदि वे स्वयंमेव या…

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Bsa धारा ८ : सामान्य परिकल्पना के बारे में षडयंत्रकारी द्वारा कही या की गई बातें :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ८ : सामान्य परिकल्पना के बारे में षडयंत्रकारी द्वारा कही या की गई बातें : जहाँ कि यह विश्वास करने का युक्तियुक्त आधार है कि दो या अधिक व्यक्तियों ने अपराद या अनुयोज्य (व्यवहार्य) दोष करने के लिए मिलकर षडयंत्र…

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Bsa धारा ७ : विवाद्यक तथ्य और सुसंगत तथ्यों के स्पष्टीकरण या पुन:स्थापन के लिए आवश्यक तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ७ : विवाद्यक तथ्य और सुसंगत तथ्यों के स्पष्टीकरण या पुन:स्थापन के लिए आवश्यक तथ्य : वे तथ्य, जो विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य के स्पष्टीकरण या पुन:स्थापन के लिए आवश्यक है अथवा जो किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य…

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