Bsa धारा ४६ : सिविल मामलों में अध्यारोपित (लांछन लगाना) आचरण साबित करने के लिए शील विसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ शील (चरित्र) कब सुसंगत है : धारा ४६ : सिविल मामलों में अध्यारोपित (लांछन लगाना) आचरण साबित करने के लिए शील विसंगत है : सिविल मामलों में यह तथ्य कि किसी सम्पृक्त व्यक्ति का शील ऐसा है कि जो उस पर…

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Bsa धारा ४५ : राय के आधार कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४५ : राय के आधार कब सुसंगत है : जब कभी किसी जीवित व्यक्ति की राय सुसंगत है, तब वे आधार भी जिन पर वह आधारित है, सुसंगत है । दृष्टांत : कोई विशेषज्ञ अपनी राय बनाने के प्रयोजनार्थ किए…

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Bsa धारा ४४ : नातेदारी के बारे में राय कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४४ : नातेदारी के बारे में राय कब सुसंगत है : जबकि न्यायालय को एक व्यक्ति की किसी अन्य के साथ नातेदारी के बारे में राय बनानी हो, तब ऐसी नातेदारी के अस्तित्व के बारे में ऐसे किसी व्यक्ती के…

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Bsa धारा ४३ : प्रथाओं, सिद्धातों आदि के बारे में रायें कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४३ : प्रथाओं, सिद्धातों आदि के बारे में रायें कब सुसंगत है : जबकि न्यायालय को - एक) मनुष्यों के किसी निकाय या कुटुम्ब की प्रथाओं और सिद्धांतो के, दो) किसी धार्मिक या खैराती प्रतिष्ठान के संविधान और शासन के,…

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Bsa धारा ४२ : साधारण रुढि या अधिकार के अस्तित्व के बारे में रायें कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४२ : साधारण रुढि या अधिकार के अस्तित्व के बारे में रायें कब सुसंगत है : जबकि न्यायालय को किसी साधारण रुढि या अधिकार के अस्तित्व के बारे में राय बनानी हो, तब ऐसी रुढि या अधिकार के अस्तित्व के…

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Bsa धारा ४१ : हस्तलेख और डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में राय कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४१ : हस्तलेख और डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में राय कब सुसंगत है : १) जबकि न्यायालय को राय बनानी हो कि कोई दस्तावेज किसी व्यक्ति ने लिखि या हस्ताक्षरित की थी, तब उस व्यक्ति के हस्तलेख से, जिसके द्वारा…

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Bsa धारा ४० : विशेषज्ञों की रायों से संबंधित तथ्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ४० : विशेषज्ञों की रायों से संबंधित तथ्य : वे तथ्य, जो अन्यथा सुसंगत नहीं है, सुसंगत होते है, यदि वे विशेषज्ञों की रायों का समर्थन करते हो या उनसे असंगत हो जबकि ऐसी रायें सुसंगत हों । दृष्टांत :…

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Bsa धारा ३९ : विशेषज्ञों की राय :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ अन्य व्यक्तियों की राय कब सुसंगत है : धारा ३९ : विशेषज्ञों की राय : १) जब की न्यायालय को विदेशी विधि की या विज्ञान की या कला की किसी बात पर या हस्तलेख या अंगुली चिन्हों की अनन्यता के बारे…

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Bsa धारा ३८ : निर्णय अभिप्राप्त करने में कपट या दुस्संधि अथवा न्यायालय की अक्षमता साबित की जा सकेगी :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३८ : निर्णय अभिप्राप्त करने में कपट या दुस्संधि अथवा न्यायालय की अक्षमता साबित की जा सकेगी : वाद या अन्य कार्यवाही का कोई भी पक्षकार यह दर्शित कर सकेगा कि कोई निर्णय, आदेश या डिक्री जो धारा ३४, ३५…

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Bsa धारा ३७ : धाराओं ३४, ३५ और ३६ में वर्णित से भिन्न निर्णय आदि कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३७ : धाराओं ३४, ३५ और ३६ में वर्णित से भिन्न निर्णय आदि कब सुसंगत है : धाराएँ ३४, ३५ और ३६ में वर्णित भिन्न निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ विसंगत है जब तक कि ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्री का…

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Bsa धारा ३६ : धारा ३५ में वर्णित भिन्न निर्णयों, आदेशों या डिक्रियों की सुसंगति और प्रभाव :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३६ : धारा ३५ में वर्णित भिन्न निर्णयों, आदेशों या डिक्रियों की सुसंगति और प्रभाव : वे निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ जो धार ३५ में वर्णित से भिन्न है, यदि वे जाँच में सुसंगत लोक प्रकृति की बातों से संबंधित…

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Bsa धारा ३५ : प्रोबेट (संप्रभाव / वसीयतनामा) इत्यादि विषयक अधिकारिता के किन्हीं निर्णयों की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३५ : प्रोबेट (संप्रभाव / वसीयतनामा) इत्यादि विषयक अधिकारिता के किन्हीं निर्णयों की सुसंगति : १) किसी सक्षम न्यायालय के प्रोबेट विषयक, विवाह विषयक, नावधिकरण (जल सेना से संबंधित) विषयक या दिवाला विषयक अधिकारिता के प्रयोग में दिया हुआ अंतिम…

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Bsa धारा ३४ : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन योग्य) पूर्व निर्णय सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ३४ : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन योग्य) पूर्व निर्णय सुसंगत है : किसी ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्री का अस्तित्व, जो किसी न्यायालय को किसी वाद के संज्ञान से या…

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Bsa धारा ३३ : जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धत) का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ किसी कथन में से कितना साबित किया जाए : धारा ३३ : जबकि कथन किसी बातचीत, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख, पुस्तक अथवा पत्रों या कागज-पत्रों की आवली (क्रमबद्धत) का भाग हो, तब क्या साक्ष्य दिया जाए : जबकि कोई कथन, जिसका साक्ष्य…

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Bsa धारा ३२ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के कथनों की सुसंगति जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक या डिजिटल प्ररुप भी है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३२ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के कथनों की सुसंगति जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक या डिजिटल प्ररुप भी है : जबकि न्यायालय को किसी देश की विधि के बारे में राय बनानी है, तब ऐसी विधि का कोई…

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Bsa धारा ३१ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट लोक प्रकृति के तथ्य के बारे में कथन की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३१ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट लोक प्रकृति के तथ्य के बारे में कथन की सुसंगति : जबकि न्यायालय को किसी लोक प्रकृति के तथ्य के अस्तित्व के बारे में राय बनानी है तब किसी केन्द्रीय अधिनियम, राज्य…

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Bsa धारा ३० : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३० : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की सुसंगति : विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के वे कथन, जो प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो लोक विक्रय के लिए साधारणत: प्रस्थापित किए जाते है, अथवा केन्द्रीय सरकार या किसी…

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Bsa धारा २९ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की प्रविष्टियों की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २९ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की प्रविष्टियों की सुसंगति : किसी लोक या अन्य राजकिय पुस्तक, रजिस्टर या अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में की गई प्रविष्टि, जो किसी विवाद्यक या सुसंगत तथ्य का…

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Bsa धारा २८ : लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा २८ : लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां कब सुसंगत है : कारबार में अनुक्रम में नियमित रुप से रखी गई लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां, जिनके अंतर्गत वे भी है, जो इलेक्ट्रॉनिक रुप में रखी…

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Bsa धारा २७ : किसी साक्ष्य में कथित तथ्यों की सत्यता को पश्चात्वर्ती कार्यवाही में साबित करने के लिए उस साक्ष्य की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २७ : किसी साक्ष्य में कथित तथ्यों की सत्यता को पश्चात्वर्ती कार्यवाही में साबित करने के लिए उस साक्ष्य की सुसंगति : वह साक्ष्य, जो किसी साक्षी ने किसी न्यायिक कार्यवाही में, या विधि द्वारा उसे लेने के लिए प्राधिकृत…

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